
काठमांडू घाटी में जलवायु, लैंगिक, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकार पर एक उच्च-स्तरीय नीति संवाद का आयोजन किया गया। इस संवाद में नीति निर्माताओं, नौकरशाहों, मानवीय नेताओं, राजदूतों, पर्यावरणविदों और स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।
मुख्य बिंदु:
- ‘ग्रीन टेक फॉर वुमेन’ के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य नेपाल में लैंगिक समानता लाने और जलवायु संरक्षण में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भविष्य की नीतियों पर चर्चा करना था।
- इसमें जलवायु कार्रवाई, लैंगिक समानता और यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों (SRHR) को राष्ट्रीय नीतिगत ढांचों में एकीकृत करने पर अंतर-पीढ़ीगत बातचीत हुई।
- प्रतिनिधि सभा की उपाध्यक्ष, इंदिरा राणा मगर ने कहा कि वकालत को नीति को बचाना चाहिए और नीति को लोगों की सेवा करनी चाहिए।
- वन और पर्यावरण मंत्री, ऐन बहादुर शाही ठकुरी, शिक्षा और स्वास्थ्य के पूर्व मंत्री, गिरिराज मणि पोखरेल, राष्ट्रीय योजना आयोग (NPC) के पूर्व सदस्य और NAST के कुलपति, डॉ. सुनील बाबू श्रेष्ठ ने युवाओं की आवाज़ को बढ़ाने,S क्रॉस-सेक्टर सहयोग को मजबूत करने और एक स्थायी और न्यायसंगत भविष्य के लिए समावेशी राष्ट्रीय नीतियों को आकार देने के तरीकों पर अपने विचार साझा किए।
- वन और पर्यावरण मंत्रालय के संयुक्त सचिव, डॉ. महेश्वर ढकाल ने जलवायु परिवर्तन और लैंगिक समानता के बीच महत्वपूर्णD अंतरालों औरR गलत सूचनाओं द्वाराAS उत्पन्न चुनौतियों पर प्रकाश डाला।