मुख्य बातें:
👉 कब और कहाँ हुई बैठक?
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 31 अगस्त 2025 को चीन के तियानजिन में SCO (शंघाई सहयोग संगठन) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई।
👉 संबंधों पर चर्चा:
- दोनों नेताओं ने माना कि भारत और चीन प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि विकास भागीदार हैं।
- उन्होंने सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए।
- दोनों नेताओं के अनुसार, 2.8 अरब लोगों वाले इन दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान, आपसी हित और संवेदनशीलता पर आधारित स्थिर संबंध, दोनों देशों के विकास और एक बहुध्रुवीय दुनिया के लिए ज़रूरी हैं।
👉 सीमा विवाद और शांति:
- प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के महत्व पर जोर दिया।
- उन्होंने पिछले साल के सफल सीमा विघटन और उसके बाद से शांति बनाए रखने पर संतोष व्यक्त किया।
- दोनों देशों ने सीमा विवाद को निष्पक्ष और आपसी सहमति से हल करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
- दोनों नेताओं ने विशेष प्रतिनिधियों द्वारा की गई बातचीत की सराहना की और उनके प्रयासों को और बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की।
👉 अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे:
- कनेक्टिविटी: लोगों से लोगों के बीच संबंध को मजबूत करने के लिए सीधी उड़ानें और वीज़ा नियमों को आसान बनाने पर जोर दिया गया।
- अर्थव्यवस्था: दोनों ने विश्व व्यापार को स्थिर करने में अपनी अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को स्वीकार किया। व्यापार घाटे को कम करने और व्यापार संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई।
- स्वतंत्र विदेश नीति: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही रणनीतिक स्वायत्तता का पालन करते हैं, और उनके संबंधों को किसी तीसरे देश के नज़रिए से नहीं देखा जाना चाहिए।
👉 शिखर सम्मेलनों पर सहमति:
- प्रधानमंत्री मोदी ने SCO की अध्यक्षता के लिए चीन को समर्थन दिया।
- उन्होंने 2026 में भारत में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आमंत्रित किया, जिसे शी जिनपिंग ने स्वीकार कर लिया और भारत को समर्थन देने की बात कही।
👉 अन्य मुलाकात:
- प्रधानमंत्री मोदी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्य श्री साई ची (Cai Qi) से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर अपना दृष्टिकोण साझा किया।