
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए सीमा पार आतंकवाद पर कड़ी कार्रवाई और आतंकवाद के वित्तपोषण को हर हाल में रोकने की अपील की। यह बैठक चीन के चिंगदाओ में आयोजित की गई, जिसमें श्री सिंह ने बहुपक्षीय सहयोग की आवश्यकता और विचार-विमर्श के माध्यमों के निर्माण पर ज़ोर दिया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि 26 जून को वैश्विक चुनौतियों का सामना कोई भी देश अकेले नहीं कर सकता, चाहे वह कितना भी शक्ति संपन्न क्यों न हो। उन्होंने कहा कि वास्तविक वैश्विक व्यवस्था और बहुपक्षीयता का सिद्धांत यही है कि देश आपस में सहयोग कर सकें और साझा हितों के लिए एक साथ कार्य करें।
उन्होंने संस्कृत के प्रसिद्ध श्लोक “सर्वे जना सुखिनो भवन्तु” का उल्लेख करते हुए शांति और समृद्धि की कामना की, जो भारत की विश्व बंधुत्व की सोच को दर्शाता है।
रक्षा मंत्री ने बैठक की मेजबानी के लिए चीन का धन्यवाद किया और बेलारूस को SCO का नया सदस्य बनने पर बधाई दी।
SCO एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में हुई थी। भारत 2017 में पूर्ण सदस्य बना। वर्तमान में SCO में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कज़ाख़स्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस सदस्य हैं।
2025 में SCO की अध्यक्षता चीन के पास है और इसका थीम है – “Shanghai Spirit को बनाए रखना: SCO की प्रगति की ओर“। भारत इस मंच को क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, और जन-से-जन संबंधों को मज़बूत करने का प्रमुख साधन मानता है।
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