उच्च न्यायलयों का स्थापना वर्ष और स्थान
| राज्य | वर्ष | स्थान |
| महाराष्ट्र,गोवा ,दादरा और नगर हवेली,दमन व दीप | 1862 | मुंबई |
| पश्चिम बंगाल,अंडमानतथा निकोबार दीप | 1862 | कोलकाता |
| तमिलनाडु,पांडिचेरी | 1862 | मद्रास |
| उत्तेर प्रदेश | 1866 | इलाहाबाद |
| कर्णाटक | 1884 | बंगलौर |
| बिहार | 1916 | पटना |
| जम्मू कश्मीर | 1928 | श्रीनगर |
| ओड़िशा | 1948 | कटक |
| असम,अरुणाचल प्रदेश ,मिजोरम नागालैंड | 1948 | गुवाहाटी |
| राजस्थान | 1949 | जोधपुर |
| आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना | 1954 | हैदराबद |
| मध्य प्रदेश | 1956 | जबलपुर |
| केरल,लक्षदीप | 1956 | एर्नाकुलम |
| गुजरात | 1960 | अहमदाबाद |
| दिल्ली | 1966 | दिल्ली |
| पंजाब,हरियाणा, चंडीगढ़ | 1966 | चंडीगढ़ |
| हिमाचल प्रदेश | 1971 | शिमला |
| सिक्किम | 1975 | गंगटोक |
| झारखण्ड | 2000 | रांची |
| छत्तीसगढ़ | 2000 | बिलासपुर |
| उत्तराखंड | 2000 | नैनीताल |
| मणिपुर | 2013 | इम्फाल |
| मेघालय | 2013 | शिलांग |
| त्रिपुरा | 2013 | अगरतल्ला |
उच्च न्यायलय से सम्बंधित अनुच्छेद
| उच्च न्यायलय से सम्बंधित अनुच्छेद |
| अनुच्छेद 214:-राज्यों के लिए उच्च न्यायलय |
| अनुच्छेद 215:-उच्च न्यायलय का अभिलेख न्यायलय होना |
| अनुच्छेद 216:-उच्च न्यायलयों का गठन |
| अनुच्छेद 217:-उच्च न्यायलय के न्यायधीशों की नियुक्ति एवं शर्ते |
| अनुच्छेद 218:-उच्चतम न्यायलय के जुछ उपबंध उच्च न्यायलय में लागु होना |
| अनुच्छेद 219:-उच्च न्यायलयों के न्यायधीशों की शपथ |
| अनुच्छेद 220:-स्थायी न्यायधीशों रहने के पश्चात् विधि व्यवसाय पर निर्बंधन |
| अनुच्छेद 221:-न्यायधीशों के वेतन |
| अनुच्छेद 222:-किसी न्यायधीशों का अन्य न्यायलय में स्थानांतरण होना |
| अनुच्छेद 223-कार्यकारी मुख्य न्यायधीशों की नियुक्ति होना |
| अनुच्छेद 224:-अपर और कार्यकारी न्यायधीशों की नियुक्ति |
| अनुच्छेद 224A:-उच्च न्यायलयों की बैठकों में सेवानिवृत न्यायधीशों की नियुक्ति |
| अनुच्छेद 225:-उच्च न्यायलय की अधिकारिता |
| अनुच्छेद 226:-कुछ रिट निकलने की उच्च न्यायलय की अधिकारिता |
| अनुच्छेद 227:-सभी न्यायालयो के अधीक्षण की उच्च न्यायलय की शक्ति |
| अनुच्छेद 228:-कुछ मामलो का उच्च न्यायलयों को अंतरण |
| अनुच्छेद 229:-उच्च न्यायलयों की अधिकारी,सेवक और व्यय |
| अनुच्छेद 230:-उच्च न्यायलयों की अधिकारिता का संघ राज्यक्षेत्रों पर विस्तार |
| अनुच्छेद 231:-दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायलय का होना |
