
मुख्य तथ्य:
- भारत और ब्रिटेन के बीच एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर आज, 24 जुलाई, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टार्मर की उपस्थिति में लंदन में हस्ताक्षर किए गए।
- इस समझौते का लक्ष्य दोनों देशों के बीच वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देना है, अनुमान है कि यह सालाना लगभग 34 बिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है। कुछ अनुमान 2030 तक व्यापार को 120 बिलियन डॉलर तक दोगुना करने का लक्ष्य रखते हैं।
- इस समझौते के तहत, 99% भारतीय निर्यात को ब्रिटेन के बाजारों में शून्य शुल्क पहुंच प्राप्त होगी। इससे कपड़ा, चमड़ा उत्पाद, जूते, रत्न और आभूषण, कृषि उत्पाद और फार्मास्यूटिकल्स जैसे भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों को लाभ होगा।
- भारत ब्रिटेन से आने वाले उत्पादों, जैसे स्कॉच व्हिस्की और लक्जरी कारों पर आयात शुल्क कम करेगा। स्कॉच व्हिस्की पर शुल्क तुरंत आधा होकर 75% हो जाएगा और एक दशक में 40% तक कम हो जाएगा, जबकि कुछ कारों पर कोटा के तहत शुल्क 100% से घटाकर 10% तक किया जाएगा।
- यह समझौता उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों को सस्ता बनाने में भी मदद करेगा। ब्रिटेन से आने वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स, सौंदर्य प्रसाधन, मेडिकल डिवाइस और कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स पर औसत शुल्क 15% से घटकर 3% हो जाएगा।
- समझौते में सेवाओं, निवेश, नवाचार और सरकारी खरीद जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
- इसके अतिरिक्त, भारत और ब्रिटेन ने दोहरे अंशदान कन्वेंशन समझौते (Double Contribution Convention Agreement) को भी अंतिम रूप दिया है, जिससे ब्रिटेन में अस्थायी रूप से काम करने वाले भारतीय पेशेवरों को दोहरे सामाजिक सुरक्षा भुगतान से बचने में मदद मिलेगी।
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