
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत पांच प्रोटोटाइप तैयार करेगा पाँचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट – एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) – के सीरीज़ उत्पादन से पहले। वे नई दिल्ली में आयोजित CII बिजनेस समिट को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि “मेक इन इंडिया” हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र का एक अहम हिस्सा है और इसका उपयोग ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में सफलतापूर्वक किया गया।
क्या है AMCA?
AMCA एक 25 टन वजनी, ट्विन-इंजन, स्टेल्थ, और मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे आधुनिक और भविष्य के युद्धों के लिए खास तौर पर डिज़ाइन किया गया है। इसकी फ्यूल कैपेसिटी लगभग 6.5 टन है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका स्टेल्थ डिज़ाइन, जिससे यह दुश्मन के रडार की पकड़ से लगभग पूरी तरह बाहर रह सकता है। इसकी संरचना में इंटरनल वेपन्स बे होता है, जिसमें चार लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइलें और कई प्रिसिजन गाइडेड बम फिट किए जा सकते हैं।इससे यह विमान दुश्मन के इलाके में गहराई तक घुसकर, बिना रडार में आए, सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई कर सकता है।
मुख्य बिंदु (AMCA):
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AMCA भारत का पहला 5th Generation Stealth Fighter Jet होगा।
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इसकी संरचना में स्टेल्थ, इंटरनल वेपन्स बे, और उच्च मारक क्षमता प्रमुख हैं।
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यह दुश्मन के इलाके में रडार से बचते हुए हमला कर सकता है।
रक्षा मंत्री ने यह भी ज़ोर दिया कि AMCA परियोजना के निर्वहन मॉडल के माध्यम से, पहली बार निजी क्षेत्र को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिलकर एक विशाल रक्षा परियोजना में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
रक्षा मंत्रालय ने इस स्टेल्थ फाइटर जेट को डिज़ाइन और निर्माण करने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और निजी क्षेत्र की साझेदारी में मंज़ूरी दे दी है।
भारत इस महत्वाकांक्षी AMCA परियोजना पर काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य एक मध्यम वजन वाला, गहरी पैठ वाला, और एडवांस स्टेल्थ फीचर्स से युक्त फाइटर जेट बनाना है ताकि भारत की वायु शक्ति को और मज़बूती दी जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सुरक्षा समिति (Cabinet Committee on Security) ने पिछले वर्ष इस परियोजना को सैद्धांतिक मंज़ूरी (in-principle approval) दी थी।
इस परियोजना की प्रारंभिक विकास लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।
भारतीय वायुसेना (IAF) ने AMCA परियोजना को अपनी दीर्घकालीन आवश्यकता के तहत आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था।
भारत को इस परियोजना में आत्मविश्वास हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस के विकास के बाद मिला है, जो एक बड़ी सफलता रही है।
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