भारत सरकार ने नेपाल को चिकित्सा सहायता के लिए दिए 2 मिलियन डॉलर

भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नेपाल को 2 मिलियन डॉलर (20 लाख डॉलर) की चिकित्सा सहायता भेजी है। यह सहायता विशेष रूप से थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग के रोगियों के इलाज के लिए आवश्यक टीकों और दवाइयों के रूप में प्रदान की गई है।

नेपाल को चिकित्सा सहायता

चिकित्सा सहायता की पहली खेप में निम्नलिखित वैक्सीनेशन शामिल हैं:

  • इन्फ्लूएंजा वैक्सीन
  • साल्मोनेला वैक्सीन
  • मेनिंगोकोकल वैक्सीन
  • हीमोफिलस इन्फ्लूएंजा वैक्सीन
  • स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया वैक्सीन

नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने काठमांडू में नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री प्रदीप पौडेल को यह चिकित्सा सहायता सौंपी।

थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग

थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग दोनों आनुवंशिक विकार हैं, जो लाल रक्त कोशिका में स्थित हीमोग्लोबिन के जीन में त्रुटियों के कारण होते हैं। हीमोग्लोबिन एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के भीतर ऑक्सीजन को ले जाने का कार्य करता है। यह फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न हिस्सों के ऊतकों और अंगों तक पहुँचाता है। लोहे की उपस्थिति के कारण, हीमोग्लोबिन मानव रक्त को लाल रंग देता है।

यह चिकित्सा सहायता नेपाल के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो न केवल रोगियों के इलाज में मदद करेगी, बल्कि भारत और नेपाल के बीच स्वास्थ्य सहयोग को भी मजबूत करेगी। भारत सरकार की यह पहल, क्षेत्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच मित्रता को और गहरा करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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