
मुख्य बिंदु: (physics-nobel-prize-2025)
👉 इस वर्ष (2025) भौतिकी का नोबेल पुरस्कार अमेरिका के जॉन क्लार्क, माइकल डेवोरेट, और जॉन मार्टिनिस को मिला है।
👉 यह पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा घोषित किया गया।
👉 पुरस्कार की घोषणा क्वांटम मैकेनिज्म के प्रभावों को समझाते हुए की गई।
👉 इन वैज्ञानिकों ने एक इलेक्ट्रिकल सर्किट के साथ प्रयोग किए और हाथ में पकड़ने लायक प्रणाली में क्वांटम मैकेनिकल टनलिंग और क्वांटाइज्ड एनर्जी लेवल दोनों का प्रदर्शन किया।
👉 इस खोज से क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम कंप्यूटर और क्वांटम सेंसर सहित क्वांटम तकनीक को समझने में मदद मिलेगी।
👉 वैज्ञानिकों ने पहली बार बिजली के सर्किट में “बड़े पैमाने” (मैक्रोस्कोपिक) पर क्वांटम टनलिंग और ऊर्जा के स्तरों की खोज की है।
👉 पहले भारतीय जिन्हें इस श्रेणी (फिजिक्स) में पुरस्कृत किया गया, वे सर सीवी रमन थे। उन्हें यह सम्मान 1930 में ‘रमन इफेक्ट’ की खोज के लिए दिया गया था।
👉 नोबेल पुरस्कार 6 से 13 अक्टूबर के बीच विभिन्न श्रेणियों में दिए जाते हैं।
👉 मेडिसिन (चिकित्सा) का नोबेल पुरस्कार 2025 मैरी ई. ब्रंकॉ, फ्रेड राम्सडेल और शिमोन साकागुची को पेरीफेरल इम्यून टॉलरेंस के क्षेत्र में किए गए रिसर्च के लिए दिया गया है।
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