
भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) के दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय केंद्र (CSARC) को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के सिगना में स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह केंद्र भारत के आलू उत्पादक राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ अन्य दक्षिण एशियाई देशों के किसानों को भी लाभान्वित करेगा।
इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य आलू और शकरकंद की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन तथा मूल्यवर्धन के माध्यम से खाद्य और पोषण सुरक्षा, किसानों की आय में वृद्धि और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। यह निर्णय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति के बाद लिया गया।
🔹 इस परियोजना की कुल लागत ₹171 करोड़ होगी, जिसमें से भारत ₹111 करोड़ का योगदान देगा और ₹60 करोड़ CIP द्वारा निवेश किए जाएंगे।
🔹 उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र के लिए 10 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करवाई है।
🔹 केंद्र द्वारा विकसित की गई उच्च उत्पादकता, पोषण युक्त, तथा जलवायु अनुकूल किस्में भारत और पूरे दक्षिण एशिया में सतत कृषि विकास को गति देंगी।
यह केंद्र वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, विपणन, और मूल्य श्रृंखला के माध्यम से आलू क्षेत्र में विकास और रोजगार के नए द्वार खोलेगा।
भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक और उपभोक्ता देश है, जबकि चीन पहले स्थान पर है। भारत ने 2020 में 51.30 मिलियन टन आलू का उत्पादन किया, जबकि चीन का उत्पादन 78.24 मिलियन टन रहा।
CSARC भारत में दूसरा अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र होगा। पहला केंद्र अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान (IRRI) का क्षेत्रीय केंद्र 2017 में वाराणसी में स्थापित किया गया था।
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