विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर दो नए रामसर स्थलों की घोषणा की गई। वे हैं: गुजरात में खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य और उत्तर प्रदेश में बखिरा वन्यजीव अभयारण्य। भारत में 49 ऐसे स्थलों का नेटवर्क है जो 10,93,636 हेक्टेयर में फैला है, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पहले झज्जर में सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान और भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य को रामसर स्थलों के रूप में अधिसूचित किया था।
2 फरवरी वैटलैंड डे के अवसर पर, उत्तर प्रदेश का बखिरा वन्यजीव अभयारण्य तथा गुजरात के खिजड़िया पक्षी अभयारण्य रामसर स्थल को रामसर स्थल घोषित किया गया। ये भारत के 48 वें 49 वें रामसर स्थल होंगे । इसके पहले उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में स्थित हैदरगढ़ पक्षी अभ्यारण को 47 वां रामसर स्थल घोषित किया गया था।
बखिरा पक्षी अभयारण्य उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर जिले में स्थित है। यह जिला मुख्यालय खलीलाबाद से 20 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस अभ्यारण्य का क्षेत्रफल 28.94 किमी. तक विस्तृरित है। यहां पानी की उपलब्धता वर्ष भर बनी रहती है, इसी कारण यहां बहुत दूर दूर से पक्षी पानी की तलास में आ जाते हैं। ये पक्षी अधिकतर साइबेरिया, चीन तथा तिब्बत आदि देशों से आते हैं। यह 14 मई 1990 को पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया। तभी से यहां होने वाले अवैध शिकार पर रोक लगाई गई। बखिरा पक्षी अभ्यारण में पक्षियों की विविधता के कारण पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। यहां विभिन्न प्रजातियों के पक्षी- कोणार्क, लालसर, हिवीसिल, कैमा तथा विभिन्न प्रजाती के सारस व बत्तखें पायी जाती हैं।
खिजड़िया पक्षी अभयारण्य गुजरात के जामनगर में स्थित है। यह पक्षी अभ्यारण प्रजनन का बहुत बड़ा केंद्र है। यहां बहुत दूर-दूर से पक्षी आते हैं तथा प्रजनन करते हैं। यह 6.5 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस अभयारण्य में मीठे पानी की झील स्थित है।
यहां पक्षियों कि विदेशी प्रजातियां बहुतायत में पाई जाती हैं जो सिर्फ प्रजनन के लिए यहां आते हैं और अपने घोंसले बनाकर उनमें अंडे देती हैं। तथा कुछ स्थानीय पक्षी भी यहां पर प्रजनन के लिए आते हैं जैसे कम राजहंस, ग्रे जोटर राजहंस और सफेद तीतर यहां देखने को मिलते हैं।