दुलारी देवी को मिला पद्मश्री
इस वर्ष मिथिला पेंटिंग के लिए दुलारी देवी को पद्मश्री पुरस्कार दिया गया। दुलारी बिहार के मधुबनी के रांटी गांव की है. रांटी से पद्मश्री पाने वाली दुलारी तीसरी महिला हैं. इससे पहले गांव की महासुंदरी देवी और गोदावरी दत्ता को पद्मश्री मिल चुका है. बिहार से मिथिला कला मे ये सातवां पद्म पुरस्कार है.
दुलारी की खासियत है कि वो धार्मिक आख्यानों से इतर मिथिला कला में अपने आस पास के जीवन को चित्रित करती हैं. मिथिला पेंटिंग बिहार के मधुबनी, दरभंगा सहित कई जिलों के अलावा नेपाल के कुछ इलाकों की लोक कला है.
दुलारी के संघर्ष के किस्से गीता वुल्फ की पुस्तक ‘फॉलोइंग माई पेंट ब्रश’ और मार्टिन लिकॉज की फ्रेंच में लिखी पुस्तक ‘मिथिला में दुलारी की जीवन गाथा व कलाकृतियां’ है। पटना के बिहार संग्रहालय के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुलारी देवी को विशेष तौर पर आमंत्रित किया था। संग्रहालय में कमला नदी की पूजा पर बनी पेंटिंग को जगह दी गई है। मिथिला पेंटिंग के लिए दुलारी देवी को सातवां पद्मश्री मिला है। इसके पूर्व दुलारी देवी को 1999 में ललित कला अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है।
मधुबनी पेंटिंग में अब तक पद्मश्री पुरस्कार :
जगदंबा देवी – 1975
सीता देवी – 1981
गंगा देवी – 1984
महासुंदरी देवी – 2011
बौआ देवी – 2017
गोदावरी दत्त – 2018