पठारों का वर्गीकरण

पठार

ऐसी उच्च भूमिका, जिसकी चोटी सपाट और चौड़ी है, लेकिन किनारे (Cliff ) बहुत खड़ी ढलान है, पठार कहलाती है। दूसरे शब्दों में, भूपटल के वे स्थल पठार होते हैं जिनकी ढलान का कम से कम एक हिस्सा समीपी सतह या समुद्र तल से अधिक ऊंचा और अधिक चौड़ा होता है और इसका ऊपरी भाग मेज के आकार में सपाट होता है। उनकी ऊंचाई कुछ भी हो सकती है, लेकिन वे आमतौर पर 300 से 1000 मीटर ऊंचे होते हैं। पठारों पर, उच्चावच की असमानताएँ पर्वतों से कम तथा मैदान से ज्यादा पाई जाती है।

पठारों का वर्गीकरण 

► निर्माण की प्रक्रिया के अनुसार वर्गीकरण :-

1 ) अन्तर्जात शक्तियों द्वारा उत्पन्न पठार :-

  • पतालाविरूपणी पठार ( diasttrophic plateau ) : – जब भू-भाग का कुछ भाग ऊपर उठता है और भू संचलन द्वारा पठारों का रूप ले लेता है, तो इसे पतालाविरूपणी पठार कहा जाता है। जैसे – तिब्बत का पठार, पेंटागोंनिया का पठार, दक्षिण भारत का पठार। लावा पठार: – यह बेसाल्ट लावा के जमाव से बनता है। इसका रंग काला है; जैसे – डेक्कन पठार, कोलंबिया पठार।

2 ) बहिर्जात शक्तियों द्वारा निर्मित पठार :- 

  • ग्लेशियर पठार: – विस्तृत हिमानी, पर्वतीय भागों को अपने अपरदन कार्य द्वारा घिसकर सपाट कर देती है। जैसे अंटार्कटिका, ग्रीनलैंड, भारत का गढ़वाल का पठार आदि। कभी-कभी एक पठार हिमानी के जमाव से भी बनता है। उदाहरण के लिए कश्मीर में मर्ग (marg) की रचना हिमोढ़ों (moraines) के निक्षेप से हुई है.
  • पानी द्वारा निर्मित पठार: – नदियों द्वारा तलहटी के निक्षेप के कारण स्थल खण्ड अधिक ऊँचा हो जाता और पठार का निर्माण करता है। कभी-कभी निक्षेपित क्षेत्र भू-संचलन द्वारा उपर उठकर पठार का निर्माण करता है; जैसे चेरापूंजी, मैसूर, रांची, आदि का पठार।
  • हवा द्वारा निर्मित पठार: – हवाओं द्वारा मिट्टी के महीन कणों को जमा किया जाता है। लंबे समय तक निक्षेपण के कारण एक पठार बनता है; जैसे – लोयस पठार।

भौगालिक स्थिति के आधार पर वर्गीकरण

  • महाद्वीपीय पठार : – यह एक विस्तृत और बहुत प्राचीन पठार है। उन्हें शील्ड (shield) भी कहा जाता है। दक्षिण भारत का पठार, चीन, साइबेरिया, अरब, ब्राजील का पठार, पश्चिम ऑस्ट्रेलिया का पठार आदि इसके उदाहरण हैं।
  • अन्तपार्वतीय पठार : – ये पठार चारों ओर से पहाड़ों से घिरे हैं; जैसे – तिब्बत का पठार, बोलिविया का पठार, पेरू का पठार, ईरान का पठार।
  • पर्वतपदीय पठार : – ये पठार एक तरफ ऊँचे पहाड़ों से घिरे हैं और दूसरी तरफ महासागर या मैदान हैं; जैसे – दक्षिण अमेरिका में पेटागोनिया, उत्तरी अमेरिका का पीडमोंट पठार आदि।

जलवायु के अनुसार वर्गीकरण :-

  • शुष्क पठार :- पोटवार, अरब एवं पैटागोनिया का पठार.
  • आर्द्र पठार :- असम का पठार, मेघालय का पठार.
  • हिमाच्छादित पठार :- ग्रीनलैंड एवं अंटार्कटिका का पठार.

पृष्ठीय धरातल के अनुसार वर्गीकरण :-

  • विषम (uneven ) पठार :- अप्लेशियन पठार.
  • गिरीप्रस्थ (tableland ) पठार :- महाबलेश्वर पठार, पंचगनी पठार आदि.

आकृति के अनुसार वर्गीकरण :-

  • गुम्बदाकार पठार :- छोटानागपुर का पठार.
  • विच्छेदित पठार (dissected plateau ) :- पूर्वी घाटी.
  • सपाट पठार :- तिब्बत का पठार.
  • सीढ़ीनुमा पठार :- विन्ध्य एवं कैमूर का पठार.
  • पुनर्युवनित पठार (rejuvenated plateau ) :- राँची का पाट पठार.

विश्व के प्रमुख पठार

क्रमांक पठार का नाम    स्थिति
1 तिब्बत का पठार                 मध्य एशिया           
2 अरब का पठार                                 दक्षिण – पच्छिम एशिया
3 ईरान का पठार                                 ईरान
4 प्रायद्वीपीय का पठार                         भारत
5 मंगोलिया का पठार                           उत्तेर-मध्य चीन
6 अनातोलिया का पठार                        तुर्की
7 आस्ट्रेलिया का पठार                          पच्छिमी आस्ट्रेलिया
8 मलागासी का पठार                            मेडागास्कर  
9 दक्षिण अफ्रीका का पठार        दक्षिणी अफ्रीका
10 स्पेन की मेसेटा                     स्पेन
11 ब्राजील  का पठार                               ब्राजील
12 बोलीबिया का पठार                             ब्राजील
13 बोलीबिया का पठार                             बोलीबिया
14 मैक्सिको  का पठार                            मैक्सिको
15 युकोन  का पठार                               आलस्का
16 कोलंबिया का पठार                            अमेरिका
17 कोलेरेडो का पठार                               अमेरिका
18 ग्रीनलैंड का पठार                              ग्रीनलैंड

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