पूर्णिया बिहार का पहला जिला जहां सभी पंचायतों में पुस्तकालय

बिहार का पूर्णिया पहला जिला होगा जहां की सभी ग्राम पंचायतों में शिक्षा विभाग के सहयोग से दान में प्राप्त 126607 किताबों से मिनी पुस्तकालय खोले गए हैं। पूर्णिया जिला में चल रहे पुस्तक दान अभियान पर सरकार को भी मान है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा है कि पूर्णिया जिले में साक्षरता दर में सुधार के साथ ही विकास के उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जनसहयोग के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा संचालित अभियान किताब दान कार्यक्रम एक सराहनीय पहल है।

जिलाधिकारी राहुल कुमार की पहल पर पूर्णिया जिला में 25 जनवरी से ही अभियान किताब दान चल रहा है। केनगर प्रखंड की परोरा पंचायत से इसकी शुरुआत की गयी। जिले की सभी 230 पंचायतों में पुस्तकालय खोला जा चुका है। सीएम ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि पूर्णिया का इतिहास अतिप्राचीन है। इस धरती को गौरवशाली अतीत, ऐतिहासिक एवं अध्यात्मिक धरोहरों तथा धार्मिक विरासतों के लिए जाना जाता है। समरसता, सादगी, सौम्यता, सत्यवादिता एवं मेहनत जिला की संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। उन्होंने आशा जताई है कि जिला की साक्षरता दर बढ़ाने में सभी लोगों का सक्रिय सहयोग प्राप्त होता रहेगा।

प्रधानमंत्री के 115 आकांक्षी  जिलों में से बिहार के पूर्णिया जिले के डीएम ने यहां की सभी ग्राम पंचायतों में पुस्तकालय का सपना देखा। सपने को साकार करने की दिशा में 22 जनवरी 2020 को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में डीईओ श्याम बाबू राम से सहयोग हेतु विचारविमर्श किया। इसके बाद 25 जनवरी 2020 को समाहरणालय सभा कक्ष में अभियान किताब दान कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। डीएम ने अपनी एवं पत्नी शिखा जायसवाल की 57 किताबें दान कर इस अभियान की नींव रखी। इस अभियान के तहत आमजनों से नयी अथवा पुरानी किताबें दान करने की अपील की गई और एक लाख किताब दान से प्राप्त करने का बड़ा लक्ष्य रखा गया।

कृत्यानन्द नगर प्रखंड की परोरा पंचायत के सरकार भवन में दान में प्राप्त 500 किताबों से पहला पंचायत पुस्तकालय 25 जनवरी 2021 को खुला। नीति आयोग की टीम ने 29 सितम्बर 2021 को कुछ पुस्तकालयों का निरीक्षण  किया।

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