बिहार में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश के लिये 529 करोड़ रुपए के नए प्रस्ताव

ख़बरों में क्यों?

बिहार में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश के लिये 529 करोड़ रुपए के नए प्रस्ताव आए हैं। इन प्रस्ताव में 20 नई यूनिट लगाने की योजना है। राज्य की निवेश प्रोत्साहन परिषद ने इसे प्रारंभिक स्वीकृति दे दी है।

बिंदु

  • यह प्रस्ताव राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद की 41वीं बैठक में आए हैं। खाद्य प्रसंस्करण की सात प्रमुख यूनिटों की स्थापना में 419 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव हैं। वैशाली में खाद्य प्रसंस्करण की प्रस्तावित यूनिट में 213 करोड़ रुपए के निवेश की संभावना है। इस यूनिट में केचअप, टोमैटो पेस्ट और न्यूट्रिशनल पाउडर का निर्माण होगा।
  • गोपालगंज स्थित विष्णुशुगर मिल्स लिमिटेड 90 करोड़ रुपए की लागत से मोलासेस बेस्ड इथेनॉल डिस्टिलरी, पश्चिमी चंपारण स्थित मछौलिया सुगर इंडस्ट्रीज़ भी मोलासेस बेस्ट डिस्टलरी प्लांट पर 27 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
  • इसके अलावा हरिनगर सुगर मिल्स लिमिटेड पश्चिमी चंपारण में 80 करोड़ रुपए की लागत से चीनी मिल प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसी तरह औरंगाबाद औद्योगिक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के सत्तू और फ्रूट उत्पाद के कारखाने प्रस्तावित हैं।
  • खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े अन्य प्रस्तावों में 110 करोड़ रुपए के निवेश से 13 राइस मिल लगाने के प्रस्ताव हैं। ये यूनिट अरवा और उसना चावल से जुड़ी हैं। ये सभी राइस मिलें सीतामढ़ी, मधुबनी के विद्यानगर, किशनगंज के कासीपुर बेलवा, रोहतास के करघर, औरंगाबाद में खेरहरी, बांका, पश्चिमी चंपारण, भोजपुर में जगदीशपुर और पूर्णिया में स्थापित की जानी हैं।
  • निवेश प्रोत्साहन परिषद में टेक्सटाइल और लेदर यूनिट लगाने के भी 46 करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्ताव हैं। किशनगंज के सुल्तानगंज में जूट के धागे, फाइबर उत्पाद, सिलाई, बुनाई और कढ़ाई की यूनिट लगाना प्रस्तावित है। इसी तरह भागलपुर, पूर्णिया, बांका और पूर्वी चंपारण में टेक्सटाइल और लेदर यूनिट के लिये प्रथम क्लियरेंस दिया गया है।

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