ख़बरों में क्यों :
शराब पीने या बेचने के जुर्म में पकड़े गए लोगों को सरकारी योजनाओं के लाभ से बेदखल करने की तैयारी है। इसके साथ ही चुनाव लड़ने से भी प्रतिबंधित किया जा सकता है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग इससे जुड़ा प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
प्रमुख बिंदु :
- मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम-2016 की धारा 65 में यह प्रविधान है कि राज्य सरकार यदि चाहे तो किसी भी धारा के तहत चार्जशीटेड अथवा सजा पाए अभियुक्त को कतिपय सुविधाएं, लाइसेंस आदि से वंचित कर सकती है।
- शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद भले ही पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रविधान किया गया है, मगर जुर्माना देकर छूटने वाले शराबी भी कानून के तहत दोषी माने जाएंगे। उन्हें भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
- शराब निर्माण व तस्करी से जुड़े लोगों को भी सजा मिलने के साथ योजनाओं के लाभ से बेदखल किया जाएगा।