बिहार कैबिनेट ने 103 नए नगर पंचायत और 8 नए नगर परिषद के गठन को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ 32 नगर पंचायतों को अपग्रेड करके नगर परिषद बनाया जाएगा। 5 नगर परिषदों को नगर निगम में अपग्रेड किया जाएगा। राज्य में शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया है।
बिहार में 2011 की जनगणना के अनुसार, शहरी आबादी मात्र 11.27 फीसदी है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 31.16 फीसदी है। हाल यह है कि बिहार के कई अनुमंडल मुख्यालय अभी भी ग्राम पंचायत के अधीन हैं। सरकार का ऐसा मानना है कि नए नगर निकायों के अस्तित्व में आने से लोगों को कई नई सुविधाएं मिलेंगी।
राज्य की जनता स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज सिस्टम, मशीनों के माध्यम से शहरों की साफ-सफाई, पार्क और सामुदायिक सुविधाएं दी जा सकेंगी। इससे इन इलाकों में रहने वाली बड़ी आबादी को शहरी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। कई अनुमंडल मुख्यालय अभी तक ग्राम पंचायत के अधीन थे।
कई पुराने प्रखंड मुख्यालय जिनकी संख्या 2011 की जनगणना के मुताबिक 12,000 से ज्यादा थी और जहां शहरीकरण के अलग-अलग मानक मौजूद थे लेकिन वो अभी भी ग्रामीण क्षेत्र में ही के अधीन ही माने जाते थे। इसलिए इन जगहों पर नागरिक सुविधाओं को विकसित किया जाना जरूरी था।