महामारी काल मे अधिक उम्र वाले लोगों के लिये डाक मतपत्र की सुविधा

संदर्भ – देश भर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए विधि एवं न्याय मंत्रालय ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्र (Postal Ballot) के लिये मतदाताओं की आयु सीमा में कटौती कर दी है।

प्रभाव – संशोधित नियमों के अनुसार, अब 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को भी डाक मतपत्र से मतदान का विकल्प मिलेगा। इसके अतिरिक्त नियमों में बदलाव करते हुए मंत्रालय ने एक अस्थायी व्यवस्था के तौर पर ‘COVID-19 के संदिग्धों या संक्रमितों’ को भी डाक मतपत्र सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति प्रदान की है। जल्द ही बिहार में विधानसभा चुनावों का आयोजन होने वाला है और अनुमान के अनुसार, बिहार के मतदाताओं को इस संशोधित नियम का लाभ प्राप्त होगा।

नियम परिवर्तन – विधि एवं न्याय मंत्रालय ने अक्तूबर 2019 में ‘निर्वाचनों के संचालन नियम, 1961’ में संशोधन करते हुए और दिव्यांगों तथा 80 वर्ष अथवा इससे अधिक उम्र के लोगों को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्र से मतदान की अनुमति प्रदान की थी।

निष्कर्ष – देश के प्रत्येक नागरिक का यह दायित्त्व होता है कि वह एक जीवंत लोकतंत्र सुनिश्चित करने के लिये देश की चुनाव प्रक्रिया में भाग ले, कभी-कभी किसी व्यक्ति विशिष्ट के लिये प्रत्यक्ष रूप से इस प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं हो पाता। इसलिए निर्वाचन आयोग ऐसे व्यक्ति को मतदान के लिये डाक मतपत्र की सुविधा उपलब्ध कराता है। 

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