बिहार में रोजगार के नये अवसर उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है. इसी क्रम में जहां सरकारी
नौकरियों के लिए वैकेंसी निकाली जा रही हैं, वहीं निजी क्षेत्रों में भी रोजगार सृजन के भी प्रयास जारी हैं. बिहार को औद्योगिकीकरण की राह पर आगे बढ़ाने के प्रयास के तहत इथेनॉल की फैक्ट्रियों के जरिये बेरोजगारी दूर करने की योजना पर द्रुत गति से कार्य किया जा रहा हैं, वहीं बिहार के सभी सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यानी आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है. छह नए कोर्स की शुरुआत अगले साल से होने जा रही है जो कि नई एडवांस टेक्नोलाजी पर आधारित होंगे. बताया जा रहा है कि यह कोर्स जॉब ओरिएंटेड होगा जो युवाओं को रोजगार दिलाने में कारगर साबित होगा. इसके लिए बिहार सरकार ने टाटा टेक्नोलॉजी के साथ करार किया है.
ये कोर्स आर्क वेल्डिंग व औद्योगिक रोबोटिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन प्रशिक्षण, आइओटी और डिजिटल इंस्ट्रूमेंटेशन, मशीनिंग तथा विनिर्माण एडवाइजर, आइटी एवं डिजाइन, सभी तरह की मरम्मत और रखरखाव, मोडर्न प्लंबिंग में ट्रेनिंग से जुडे हैं.
छात्रों को एडवांस टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग सुविधा भी दी जायेगी . इस तकनीक के तहत आईटीआई में छात्रों को मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ग्राफिक डिजाइन, रोबोटिक मेंटेनेंस, इलेक्ट्रिकल जैसे तकनीक में मशीनें लगाकर आइटी कंपनियों सहित अन्य इंडस्ट्री के मदद से आइटीआइ को और विकसित बनाया जाएगा. छात्रों के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग के साथ ही फिजिकल ट्रेनिंग का भी प्रबंध होगा.
सभी आईटीआई को टाटा टेक्नोलॉजी ट्रेनर के साथ मदद करेगी और नए अपग्रेड टूल्स मशीनरी एवं सिलेबस बनाने में सहयोग करेगी. आईटीआई के देखरेख, प्रबंधन और संचालन के लिए प्रबंध समितियों का गठन करना अनिवार्य कर दिया गया है.