लखनऊ और गौतमबुद्धनर (नोएडा) में पुलिस आयुक्‍त व्‍यवस्‍था लागू

उत्‍तरप्रदेश सरकार ने लखनऊ और गौतमबुद्धनर (नोएडा) में पुलिस आयुक्‍त व्‍यवस्‍था लागू हो गई है ।

  • यह व्‍यवस्‍था लागू होने से जिला मजिस्‍ट्रेट को केवल राजस्‍व संबंधी काम देखने होंगे और कानून-व्‍यवस्‍था से जुड़े सभी फैसले पुलिस आयुक्‍त लेंगे।
  • लखनऊ और नोएडा स्‍मार्ट और सुरक्षित शहर के रूप में विकसित हो सकेंगे।  अपर पुलिस महानिदेशक-एडीजी स्‍तर के एक पुलिस अधिकारी को लखनऊ में पुलिस आयुक्‍त के रूप में तैनात किया जायेगा। लखनऊ में दो नये थानों के जुड़ने से अब इनकी संख्‍या 40 हो जायेगी।
  • अपर पुलिस महानिदेशक के सहयोग के लिए पुलिस महानिरीक्षक-आईजीपी रैंक के दो संयुक्‍त आयुक्‍त और पुलिस अधीक्षक-एसपी रैंक के नौ अधिकारी रहेंगे।
  • इसी तरह नोएडा में भी अपर पुलिस महानिदेशक-एडीजी स्‍तर का एक अधिकारी पुलिस आयुक्‍त होगा और उनके सहयोग के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक-डीआईजी रैंक के दो अपर पुलिस आयुक्‍त रहेंगे।
  • पुलिस अधीक्षक के रैंक की एक महिला पुलिस अधिकारी को शहर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए नियुक्‍त किया जायेगा।
  • अब तक गौतमबुद्धनर में जो सामान्य पुलिसिंग व्यवस्था थी, जिसमें जिलाधिकारी के पास पुलिस को नियंत्रण करने का अधिकार होता है। इसका मतलब यह है की सामान्य पुलिस व्यवस्था में जिले के अंदर भी किसी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी का तबादला करने के लिए एसएसपी को जिलाधिकारी की मंजूरी लेनी होती थी । क्षेत्र में धारा 141 या कर्फ्यू लागू करने का अधिकार भी प्रशासनिक अधिकारियों के पास होता है।
  • दंड प्रक्रिया संहिता जिलाधिकारी को कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए कई शक्तियां प्रदान करता है। पुलिस की मासिक क्राइम बैठक भी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होती है। पुलिस कमिश्नर प्रणाली में दंड प्रक्रिया संहिता के सारे अधिकार पुलिस अधिकारी को मिल जाते हैं। ऐसे में पुलिस त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम होती है।

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