विश्व भर में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया । इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लगातार बढ़ रही जनसंख्या को सीमित करना और आम लोगों को जनसंख्या वृद्धि, लिंग समानता एवं मातृत्त्व स्वास्थ्य के संबंध में जागरूक बनाना है।
विश्व जनसंख्या दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की तत्कालीन गवर्निंग काउंसिल द्वारा 11 जुलाई, 1989 को की गई थी। 11 जुलाई को मनाने का मुख्य कारण यह है कि इसी दिन वर्ष 1987 में विश्व की जनसंख्या ने 5 बिलियन के आँकड़े को पार किया था।
वर्ष 2020 में विश्व जनसंख्या दिवस की थीम मुख्यतः महिलाओं और लड़कियों पर केंद्रित है, क्योंकि कई अध्ययनों में सामने आया है कि कोरोना वायरस संकट के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। विश्व जनसंख्या दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनमें जनसंख्या वृद्धि की वज़ह से होने वाले खतरों के प्रति लोगों को आगाह किया जाता है।
वर्तमान में चीन और भारत दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश हैं। UN के अनुसार, COVID-19 ने प्रत्येक व्यक्ति, समुदाय और अर्थव्यवस्था को काफी हद तक प्रभावित किया है, लेकिन , कोरोना वायरस और लॉकडाउन का सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं और लड़कियों पर देखने को मिला है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के अनुसार, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये लागू किये गए देशव्यापी लॉकडाउन के पश्चात् से अब तक लिंग-आधारित हिंसा और घरेलू हिंसा के मामलों में दोगुनी वृद्धि हुई है।