सरकार ने पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाने के लिए एक स्क्रैपिंग नीति लागू की।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में व्‍हीकल स्‍क्रैपिंग नीति की घोषणा की। इसका उद्देश्‍य प्रदूषण फैलाने और खराब गुणवत्‍ता वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इस्‍तेमाल से हटाने की व्‍यवस्‍था तैयार करनी है।

इससे वाहनों की ईंधन खपत कम होगी, उद्योगों के लिए कम कीमत में कच्‍चे माल की उपलब्‍धता बढ़ेगी और केन्‍द्र तथा राज्‍य सरकारों के जीएसटी में वृद्धि होगी। श्री गडकरी ने सदन को बताया कि व्‍हीकल स्‍क्रैपिंग नीति के लागू होने से देश में तीन करोड़ 70 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे। उन्‍होंने कहा कि इस योजना के तहत पुराने और खराब गुणवत्‍ता वाले वाहनों को पंजीकृत स्‍क्रैपिंग केन्‍द्रों में जमा कराने वाले वाहन मालिकों को स्‍क्रैपिंग प्रमाणपत्र मिलेगा।

खराब गुणवत्‍ता वाले या पंजीकरण का नवीनीकरण न कराने वाले निजी वाहनों की वैधता बीस साल के बाद खत्‍म कर दी जाएगी। प्रमाणपत्र न लेने वाले व्‍यवसायिक वाहनों का पंजीकरण भी 15 साल के बाद खत्‍म कर दिया जाएगा।

प्रारंभिक पंजीकरण की तारीख से 15 साल तक व्‍यवसायिक वाहनों पर फिटनैस प्रमाणपत्र के लिए बढ़ी हुई फीस और फिटनैस जांच संबधी नियम लागू होंगे। श्री गडकरी ने कहा कि फिटनैस जांच और स्‍क्रैपिंग केन्‍द्रों के लिए नियम इस वर्ष पहली अक्‍टूबर तक अधिसूचित कर दिये जाएंगे। सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों के 15 साल पुराने वाहनों को स्‍क्रैप करने की समय सीमा एक अप्रैल 2022 रखी गई है।

भारी व्‍यवसायिक वाहनों के लिए फिटनैस संबंधी अनिवार्य जांच एक अप्रैल 2023 से शुरू होगी। इसी तरह अन्‍य श्रेणी के वाहनों के लिए भी चरणबद्ध तरीके से फिटनैस जांच पहली जून 2024 से शुरू होगी।

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