
16 अप्रैल 1853 को भारत में पहली रेलगाड़ी चलाई गई थी, और इस दिन को भारतीय रेलवे के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है। इस वर्ष 16 अप्रैल को इस ऐतिहासिक घटना की 172वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उस ऐतिहासिक क्षण को याद किया जब पहली रेलगाड़ी महाराष्ट्र के बोरीबंदर से ठाणे के लिए रवाना हुई थी।
इस पहली रेलगाड़ी में 14 डिब्बे थे, जिनमें लगभग 400 यात्री सवार थे। रेलगाड़ी को तीन इंजनों – सिंध, सुल्तान और साहेब – द्वारा खींचा गया था। इस यात्रा ने 34 किलोमीटर की दूरी को केवल 1 घंटे 15 मिनट में तय किया, जो उस समय के लिए एक अद्वितीय उपलब्धि थी।
भारतीय रेलवे ने तब से लेकर अब तक कई मील के पत्थर हासिल किए हैं और यह देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज, भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है, जो लाखों यात्रियों को रोजाना सेवाएं प्रदान करता है।
मुख्य बिंदु:
- तारीख: 16 अप्रैल 1853
- वर्षगांठ: 172वीं
- पहली यात्रा: बोरीबंदर से ठाणे
- डिब्बों की संख्या: 14
- यात्रियों की संख्या: 400
- इंजनों के नाम: सिंध, सुल्तान, साहेब
- यात्रा की दूरी: 34 किलोमीटर
- यात्रा का समय: 1 घंटे 15 मिनट
भारतीय रेलवे की यह यात्रा न केवल परिवहन के क्षेत्र में एक क्रांति थी, बल्कि इसने देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।