
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। FATF ने कहा कि इस प्रकार के हमले आर्थिक समर्थन के बिना संभव नहीं हो सकते थे। उन्होंने अपने बयान में स्पष्ट किया कि इस हमले और हाल के अन्य आतंकी हमलों के पीछे उन लोगों की वित्तीय सहायता थी, जो आतंकवाद को समर्थन देते हैं और फंड को स्थानांतरित करने की सुविधाएं प्रदान करते हैं।
FATF ने अपने वैश्विक नेटवर्क में शामिल 200 से अधिक देशों को आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ अपने उपायों को मजबूत करने में सहयोग देने की बात दोहराई। साथ ही, FATF जल्द ही आतंकवादी वित्तपोषण पर एक विस्तृत विश्लेषण प्रकाशित करेगा, जिसमें वैश्विक नेटवर्क द्वारा प्रदान किए गए केस स्टडी शामिल होंगे।
FATF की अध्यक्ष एलिसा डे आंदा माद्राजो ने हाल ही में कहा कि आतंकवाद से अकेले किसी कंपनी, संस्था या देश द्वारा नहीं निपटा जा सकता। इसके लिए दुनिया को एकजुट होकर कदम उठाने होंगे।
यह उल्लेखनीय है कि FATF केवल अत्यंत गंभीर मामलों में आतंकी हमलों की आधिकारिक निंदा करता है, और यह पिछले दस वर्षों में महज तीसरी बार है जब ऐसी निंदा की गई है। पहली बार, FATF ने “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” को आतंकवाद के वित्तपोषण का स्रोत माना है, जो एक ऐतिहासिक पहल है।
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