
👉 भारत का रुख: भारत ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को सुलझाने की दिशा में हुए सकारात्मक घटनाक्रमों का स्वागत किया है।
👉 समाधान का मार्ग: भारत का मानना है कि इस संघर्ष का समाधान केवल संवाद और कूटनीति के माध्यम से ही संभव है।
👉 वैश्विक चिंताएं: भारत ने युद्ध के कारण उत्पन्न हुए नकारात्मक परिणामों, जैसे ईंधन की कीमतों में वृद्धि, पर चिंता व्यक्त की है। उसने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ (विकासशील देश) को इन परिणामों से खुद ही निपटना पड़ रहा है।
👉 अमेरिका-रूस शिखर सम्मेलन की सराहना: संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई हालिया शिखर बैठक में हुई प्रगति की सराहना की।
👉 शांति प्रयासों में भारत की भूमिका:
भारत ने शांति कूटनीति में अपनी भूमिका दोहराई है और संघर्ष को जल्द समाप्त करने के लिए राजनयिक प्रयासों का समर्थन करने की पेशकश की है।
यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूरोपीय नेताओं के साथ मिलकर शांति की संभावनाओं को बढ़ावा दिया है।
👉 स्थायी शांति के लिए आवश्यक: पी. हरीश ने यह बात ज़ोर देकर कही कि स्थायी शांति के लिए सभी संबंधित पक्षों की पूर्ण भागीदारी और प्रतिबद्धता बहुत महत्वपूर्ण है।