ASMI – भारत की पहली स्वदेशी 9 मिमी मशीन पिस्तौल

ASMI – भारत की पहली स्वदेशी 9 मिमी मशीन पिस्तौल

भारत की पहली स्वदेशी 9 मिमी मशीन पिस्तौल ASMI (ASMI) संयुक्त रूप से DRDO और भारतीय सेना द्वारा विकसित की गई है। पिस्तौल का नाम ‘अस्मि’ है जिसका अर्थ है गर्व, आत्म-सम्मान और कड़ी मेहनत।

इस हथियार का डिजाइन और विकास इंफैंट्री स्कूल, महू और डीआरडीओ के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टेबलाइजेशन (एआरडीई), पुणे ने अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करके किया है। इस हथियार को 4 महीने के रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है। इसका ऊपरी रिसीवर एयरक्राफ्ट ग्रेड एल्यूमीनियम से बनाया गया है और निचला रिसीवर कार्बन फाइबर से बना है। 3 डी प्रिंटिंग प्रक्रिया का उपयोग ट्रिगर घटकों सहित इसके विभिन्न भागों को डिजाइन और प्रोटोटाइप में किया गया है।

यह सशस्त्र बलों में भारी हथियार टुकड़ी, कमांडरों, टैंकों और विमान चालकों, चालकों / प्रेषण सवारों, रेडियो / राडार ऑपरेटरों, करीबी मुकाबला, चरमपंथ विरोधी और आतंकवाद विरोधी अभियानों में एक निजी हथियार के रूप में काफी संभावनाएं हैं।

इसका उपयोग केंद्रीय और राज्य पुलिस संगठनों के साथ-साथ वीआईपी सुरक्षा कर्तव्यों और पुलिसिंग में किया जा सकता है। प्रत्येक मशीन पिस्तौल की उत्पादन लागत 50 हजार रुपये के भीतर है और इसके निर्यात की संभावना भी है।

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