भूपेन हजारिका राष्ट्रीय पुरस्कार (Bhupen Hazarika National Award)

Bhupen Hazarika National Award

चर्चा का केंद्र:

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, जो संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं, ने गुवाहाटी में आयोजित एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम में “भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका राष्ट्रीय पुरस्कार” प्रदान किए।


🏆 पुरस्कार और समारोह का महत्व

👉 आयोजक: इस कार्यक्रम का आयोजन पुणे स्थित संस्था ‘सरहद’ द्वारा किया गया।

👉 समर्पण: यह समारोह विशेष रूप से डॉ. भूपेन हजारिका की शताब्दी वर्षगांठ (100वीं जयंती) को समर्पित था।

👉 पुरस्कार का उद्देश्य: डॉ. भूपेन हजारिका, जिन्हें प्रेम से “भूपेन दा” कहा जाता है, की कला के माध्यम से एकता के संदेश को श्रद्धांजलि देना। यह राष्ट्रीय पुरस्कार भारत में “सांस्कृतिक समन्वय और संवेदना के युग” को सम्मानित करने का प्रतीक है।


🌟 सम्मानित हस्तियाँ: छह विशिष्ट व्यक्तित्व

व्यक्तित्वराज्यविशेषज्ञता और प्रमुख योगदान
येशे दोरजी थोङचीअरुणाचलअरुणाचल की लोककथाओं को समकालीन विषयों से जोड़ने वाले प्रख्यात साहित्यकार
लैशराम मेराबामणिपुरमणिपुरी भाषा और समृद्ध परंपराओं के संरक्षण हेतु समर्पित एक प्रमुख साहित्य संरक्षक
रजनी बसुमतारीअसममहिला-केंद्रित मुद्दों और ग्रामीण जीवन पर उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रसिद्ध अभिनेत्री और फिल्मकार
एस. आर. सैलौमिजोरममिज़ो साहित्य के प्रचार-प्रसार और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लेखक एवं अनुवादक
डॉ. सूर्य कांत हज़ारिकाअसमअसम के साहित्यिक विकास पर गहन शोध करने वाले सुविख्यात विद्वान, सांस्कृतिक इतिहासकार और भाषा-विशेषज्ञ
प्रो. डेविड आर. सियेमलिएहमेघालयपूर्वोत्तर क्षेत्र की पहचान और इतिहास पर अकादमिक योगदान के लिए जाने वाले प्रसिद्ध इतिहासकार और पूर्व यूपीएससी अध्यक्ष

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