कोरोना महामारी में आंशिक रूप से देश में नकद भुगतान में गिरावट के कारण बैंक ऑफ इंग्लैंड और ट्रेज़री ने डिजिटल करेंसी बनाने की घोषणा की है।इस नई डिजिटल मुद्रा को ‘ब्रिटकॉइन’ नाम दिया गया है।ब्रिटिश प्राधिकारियों ने एक सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) टास्कफोर्स बनाने की घोषणा की है।वर्तमान में केवल बहामास के पास ऐसी मुद्रा है, हालाँकि चीन कई शहरों में इसका परीक्षण कर रहा है।
डिजिटल करेंसी यदि पारित हो जाती है, तो यह नया CBDC घरों और व्यवसायों द्वारा उपयोग के लिये बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा जारी डिजिटल मनी का एक नया रूप होगा
CBDC को सभी प्रौद्योगिकी पहलु पर विशेषज्ञता और विविध दृष्टिकोणों से इनपुट इकट्ठा करने के लिये बनाया जाएगा जो नकदी और निजी भुगतान प्रणालियों के बीच इंटरफेस सुविधा प्रदान करेगी जिसके लिये वितरित खाता बही प्रौद्योगिकी की आवश्यकता नहीं होगी।
लाभ के उद्देश्य से इसे परिसंपत्ति के रूप में रखने के लिये ‘ब्रिटकॉइन’ को पाउंड के मूल्य से जोड़ा जाएगा।
यह कदम ब्रिटेन के तकनीकी क्षेत्र में व्यापक निवेश और अंतर्राष्ट्रीय व्यवसायों के लिये न्यूनतम लेन-देन लागत के रूप में आर्थिक प्रभाव डाल सकता है।
डिजिटल मुद्रा:
डिजिटल मुद्रा भुगतान की वह विधि है जो केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में मौजूद है न कि भौतिक रूप में और अमूर्त है। इसका लेन-देन केवल इंटरनेट या निर्दिष्ट नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर, स्मार्टफोन या इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट का उपयोग करके ही किया जा सकता है।
डिजिटल मुद्रा को डिजिटल मनी और साइबर कैश के रूप में भी जाना जाता है। जैसे क्रिप्टोकरेंसी।
सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा:
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन का उपयोग किसी विशेष राष्ट्र (या क्षेत्र) में प्रचलित या फिएट मुद्रा के आभासी रूप का प्रतिनिधित्व करने के लिये करता है ।
फिएट या प्रचलित मुद्रा: ऐसी मुद्रा जो भौतिक वस्तु, जैसे: सोना या चाँदी, द्वारा समर्थित नहीं है, बल्कि सरकार द्वारा जारी की गई है।
‘CBDC’ एक केंद्रीकृत मुद्रा है; यह देश के सक्षम मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा जारी और विनियमित की जाती है।
इसकी प्रत्येक इकाई एक पेपर बिल के समान होती है।यह सुरक्षित डिजिटल उपकरण के रूप में कार्य करती है और इसका उपयोग भुगतान के एक विकल्प के रुप में, मूल्य के भंडार और खाते की एक आधिकारिक इकाई के रूप में किया जा सकता है।