चुनाव आयोग ने लोक सभा और विधान सभा चुनावों में उम्मीदवारों द्वारा किए जाने वाले चुनाव खर्च की सीमा को बढ़ाने की घोषणा की
खर्च की सीमा में वृद्धि वर्ष 2014 के बाद से मतदाताओं की संख्या और लागत मुद्रास्फीति सूचकांक में काफी वृद्धि होने के कारण की गई है।
उम्मीदवारों के लिए चुनाव खर्च की सीमा में अंतिम बड़ा संशोधन वर्ष 2014 में किया गया था‚ जिसे वर्ष 2020 में 10 प्रतिशत और बढ़ा दिया गया था।
चुनाव आयोग ( Election Commission ) ने लागत कारकों तथा अन्य संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने और उपयुक्त सिफारिश करने के लिए एक समिति का गठन किया था‚ जिसकी सिफारिश पर यह वृद्धि की गई है।
बड़े राज्यों में प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव खर्च की सीमा जो वर्ष 2014 में 70 लाख रुपये थी‚ उसे बढ़ाकर 95 लाख रुपये कर दिया गया है।
छोटे राज्यों में प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए खर्च की सीमा 54 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दिया गया हैं।
बड़े राज्यों में प्रत्येक विधान सभा क्षेत्रों के लिए‚ उम्मीदवारों के लिए संशोधित चुनाव खर्च की सीमा बड़े राज्यों हेतु 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी गई है।
छोटे राज्यों में प्रत्येक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव खर्च की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 28 लाख रुपये कर दिया गया है।
ये सीमाएं आगामी सभी चुनावों में लागू होंगी।