इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल ( Ethanol Blended Petrol ) के लिए गन्ना फीडस्टॉक से इथेनॉल खरीद की कीमत को मिली मंजूरी

ethanol blended petrol

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) ने केन्‍द्र सरकार के इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम ( ethanol blended petrol ) के तहत 1 नवंबर, 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए इथेनॉल खरीद मूल्य में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के लिए सी-हैवी मोलासेस से प्राप्त ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथेनॉल की एक्स-मिल कीमत 56.58 रुपए प्रति लीटर से 57.97 रुपए प्रति लीटर तय की गई है।

इस मंजूरी से न केवल सरकार को इथेनॉल आपूर्तिकर्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता और लाभकारी मूल्य प्रदान करने की नीति जारी रखने में सुविधा होगी, बल्कि कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने, विदेशी मुद्रा की बचत करने और पर्यावरण को लाभ पहुंचाने में भी मदद मिलेगी। गन्ना किसानों के हित में जीएसटी और परिवहन शुल्क पहले की तरह अलग से देय होंगे। सीएचएम इथेनॉल की कीमतों में 3 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़े हुए मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए इथेनॉल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

सरकार इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम लागू कर रही है जिसके तहत तेल विपणन कंपनियां 20 प्रतिशत तक इथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल बेचती हैं। वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम पूरे देश में लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य ऊर्जा आयात पर निर्भरता को कम करना और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना भी है।
पिछले दस वर्षों (31.12.2024 तक) के दौरान, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण के परिणामस्वरूप लगभग 1,13,007 करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और लगभग 193 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल की जगह इथेनॉल मिश्रित तेल का उपयोग हुआ है।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा इथेनॉल मिश्रण, इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 में 38 करोड़ लीटर से बढ़कर ईएसवाई 2023-24 में 707 करोड़ लीटर हो गया है जिससे 14.60 प्रतिशत का औसत मिश्रण प्राप्त हुआ है।

सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य पहले के 2030 की जगह 2025-26 कर दिया है। “भारत में इथेनॉल मिश्रण के लिए रोडमैप 2020-25” को सार्वजनिक रूप से जारी कर दिया गया है। इस दिशा में तेल विपणन कंपनियों ने चालू ईएसवाई 2024-25 के दौरान 18 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्‍य हासिल करने की योजना बनाई है। इथेनॉल आसवन क्षमता को बढ़ाकर प्रति वर्ष 1713 करोड़ लीटर करना, इथेनॉल की कमी वाले राज्यों में समर्पित इथेनॉल संयंत्र (डीईपी) स्थापित करने के लिए दीर्घकालिक ऑफ-टेक समझौते (एलटीओए), सिंगल फीड डिस्टिलरी को मल्टी फीड में बदलने के लिए प्रोत्साहित करना, ई-100 और ई-20 ईंधन की उपलब्धता, फ्लेक्सी ईंधन वाहनों की शुरूआत जैसी पहल की गई हैं। ये सभी कदम व्यापार करने में आसानी और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्‍यों को प्राप्त करने में भी योगदान देते हैं।

ईबीपी कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा किए गए उपायों के कारण देश भर में ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड डिस्टिलरीज के नेटवर्क, भंडारण और लॉजिस्टिक सुविधाओं के अलावा रोजगार के अवसरों और विभिन्न हितधारकों के बीच देश के भीतर मूल्य के बंटवारे के रूप में निवेश हुआ है। सभी डिस्टिलरी इस योजना का लाभ उठा सकेंगी और उनमें से बड़ी संख्या में ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथेनॉल की आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है। इससे विदेशी मुद्रा बचत, कच्चे तेल के विकल्‍प के रूप में, पर्यावरणीय लाभ और गन्ना किसानों को जल्दी भुगतान में मदद मिलेगी।

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