
नई दिल्ली में आयोजित चौथे भारत-मध्य एशिया संवाद के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में भारत और मध्य एशियाई देशों (Central Asian countries) (कजाकिस्तान, किर्गिज़ गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान) ने रेयर अर्थ और क्रिटिकल मिनरल्स के संयुक्त अन्वेषण में रुचि व्यक्त की। उन्होंने इस क्षेत्र में नए सहयोग की संभावनाओं की खोज के लिए प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया।
वक्तव्य में सितंबर 2024 में नई दिल्ली में आयोजित पहले “भारत-मध्य एशिया रेयर अर्थ फोरम” के परिणामों की सराहना की गई, और इसकी दूसरी बैठक शीघ्र आयोजित करने का आह्वान किया गया।
वित्तीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर भी विशेष बल दिया गया, विशेष रूप से डिजिटल पेमेंट सिस्टम, इंटरबैंक सहयोग और राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार के माध्यम से। इस दिशा में एक संयुक्त कार्य समूह के गठन की भी योजना बनाई गई है, जो बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्रों में संबंधों को और गहरा करेगा।
बैठक में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई और सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता दोहराई गई। देशों ने संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद सम्मेलन को शीघ्र अपनाने का आग्रह किया और FATF मानकों तथा UNSC प्रस्तावों के पूर्ण क्रियान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया।
साथ ही, इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) का उपयोग बढ़ाने और भारत-मध्य एशिया के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर भी बल दिया गया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सभी संपर्क परियोजनाएं पारदर्शिता, स्थानीय प्राथमिकताओं, वित्तीय स्थिरता और सार्वजनिक भागीदारी के सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए।
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