
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में बाली में आयोजित 24वें एफआईएमएमडीए-पीडीएआई (फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट एंड डेरिवेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) वार्षिक सम्मेलन में कहा कि पिछले चार वर्षों में भारत का विदेशी मुद्रा बाजार दोगुना हो गया है। उन्होंने बताया कि 2020 में 32 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा बाजार अब 2024 में लगभग 60 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो भारत के वित्तीय बाजारों की मजबूती और विकास को दर्शाता है।
गवर्नर ने यह भी उल्लेख किया कि इस अवधि के दौरान ओवरनाइट मनी मार्केट में औसत दैनिक कारोबार लगभग 3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 5.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इसके अलावा, सरकारी प्रतिभूति बाजारों में औसत दैनिक कारोबार 40 प्रतिशत बढ़कर 66,000 करोड़ रुपये हो गया है, जो वित्तीय स्थिरता और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।
मल्होत्रा ने भारतीय बाजारों में पारदर्शिता के स्तर को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के बराबर बताया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए विनियामक सुधारों के कारण उत्पादों और प्रतिभागियों में विविधता बढ़ी है, और ऑनशोर तथा ऑफशोर बाजारों के बीच घनिष्ठ एकीकरण हुआ है।
यह विकास न केवल भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक है, बल्कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में भारत की स्थिति को भी मजबूत करता है। भारतीय वित्तीय बाजारों की यह लचीलापन और पारदर्शिता निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर प्रदान करती है, जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलता है।