
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने वित्त वर्ष 2024-25 में 145.5 मिलियन टन का रिकॉर्ड माल परिवहन किया है। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या 5 से बढ़कर 11.1 हो गई है, और उनकी परिचालन लंबाई 2,716 किमी से बढ़कर 4,894 किमी हो गई है।
इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि कोयला, लौह अयस्क, लौह अयस्क चूर्ण, रेत और फ्लाई ऐश जैसी प्रमुख मालवाहक वस्तुओं ने कुल परिवहन किए गए माल का 68 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बनाया।
सरकार की नई जलवाहक योजना, जिसमें एनडब्ल्यू-1, एनडब्ल्यू-2 और एनडब्ल्यू-16 जैसे प्रमुख मार्ग शामिल हैं, कार्गो मालिकों और अनुसूचित सेवाओं के लिए 35 प्रतिशत परिचालन लागत प्रोत्साहन प्रदान करती है।
आईडब्ल्यूएआई का लक्ष्य अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के माध्यम से माल ढुलाई के मॉडल हिस्से को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करना है। इसके साथ ही, समुद्री भारत विजन 2030 के तहत यातायात की मात्रा को 200 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक और समुद्री अमृत काल विजन 2047 के अनुसार 2047 तक यातायात की मात्रा को 500 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक करने का भी लक्ष्य रखा गया है।
यह विकास न केवल अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन को बढ़ावा देगा, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।