
खाद्य मंत्रालय (Food Ministry) ने खाद्य तेल (edible oils) उद्योग से अपील की है कि वे आयात शुल्क में की गई कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक तुरंत पहुंचाएं। यह निर्णय देश में बढ़ती खाद्य महंगाई के मद्देनज़र लिया गया है। मंत्रालय ने खाद्य तेल उद्योग के प्रमुख संगठनों के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश जारी किए कि वे कीमतों को तुरंत समायोजित करें और अद्यतन एमआरपी (Maximum Retail Price) शीट विभाग के साथ साप्ताहिक रूप से साझा करें।
अब कच्चे सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम तेलों पर 20% से घटाकर 10% बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) कर दी गई है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि घरेलू शोधन क्षमता को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे कच्चे तेल और परिष्कृत तेल (Refined Oil) के बीच आयात शुल्क अंतर बढ़कर 19.25% हो गया ।
इस निर्णय का उद्देश्य सितंबर 2024 में ड्यूटी वृद्धि के बाद आई भारी महंगाई को नियंत्रित करना और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की बढ़ी कीमतों के प्रभाव को संतुलित करना है।
भारत में खाद्य तेल की मांग का लगभग 70% हिस्सा आयात पर निर्भर है । जब आयातित तेलों पर ड्यूटी बढ़ती है, तो इसकी कीमतें घरेलू बाजार में बढ़ जाती हैं, जिससे खाद्य महंगाई (Food Inflation) को बढ़ावा मिलता है।
भारत में उत्पादन और आयात
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खाद्य तेल बाजार – लगभग 55–60% की जरूरत विदेशी आयात पर निर्भर
प्रमुख आयात:पाम तेल (~60%) – इंडोनेशिया, मलेशिया
सोयाबीन तेल (~23%) – अर्जेंटीना, ब्राजील
सूरजमुखी तेल (~15%) – यूक्रेन, रूस
कस्टम ड्यूटी (Custom Duty) क्या है?
कस्टम ड्यूटी (Custom Duty) या सीमा शुल्क एक अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) है, जो किसी देश की सीमा से होकर आने वाली या बाहर जाने वाली वस्तुओं पर सरकार द्वारा लगाया जाता है। इसका उद्देश्य सरकार के लिए राजस्व अर्जित करना, घरेलू उद्योगों की रक्षा करना और विदेशी व्यापार को नियंत्रित करना होता है।
कस्टम ड्यूटी के प्रकार (Types of Custom Duty):
आयात शुल्क (Import Duty):
विदेशी देशों से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है।निर्यात शुल्क (Export Duty):
देश से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है। यह कम मामलों में लागू होता है।मूल सीमा शुल्क (Basic Customs Duty – BCD):
यह सामान्य दर है जो किसी वस्तु के आयात पर सबसे पहले लगाई जाती है।काउंटरवेलिंग ड्यूटी (Countervailing Duty – CVD):
यह उस वस्तु पर लगाई जाती है जिस पर आयातक देश में उत्पाद शुल्क (Excise Duty) लगता हो।एंटी-डंपिंग ड्यूटी (Anti-Dumping Duty):
जब कोई देश अपनी वस्तुओं को बहुत कम मूल्य पर दूसरे देश में डंप करता है, तब घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए यह शुल्क लगाया जाता है।सुरक्षात्मक शुल्क (Safeguard Duty):
यह घरेलू उत्पादकों को अस्थायी राहत देने के लिए लगाया जाता है जब किसी वस्तु का आयात अचानक बढ़ जाता है।प्रमुख बिंदु
बिंदु विवरण BCD में परिवर्तन कच्चे तेल पर 20% से घटाकर 10% ड्यूटी अंतर कच्चे-परिष्कृत तेल के बीच 19.25% लाभ महंगाई नियंत्रण, घरेलू रिफ़ाइनिंग, उपभोक्ता राहत प्राधिकरण खाद्य व लोक वितरण मंत्रालय, CBIC लक्षित वस्तु कच्चा सूरजमुखी, सोयाबीन, पाम तेल
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