भारत के Shipbuilding और Marine Ecosystem के लिए ₹69,725 करोड़ के पैकेज को मिली मंजूरी

Shipbuilding और Marine Ecosystem

👉 जहाज निर्माण और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का पुनरुद्धार

  • केंद्रीय कैबिनेट ने भारत के ( Shipbuilding और Marine Ecosystem ) को मजबूत करने के लिए ₹69,725 करोड़ के एक बड़े पैकेज को मंजूरी दी है।
  • इस पैकेज का उद्देश्य घरेलू क्षमता को बढ़ाना, लंबी अवधि के वित्तपोषण में सुधार करना और ग्रीनफील्ड (नई) और ब्राउनफील्ड (पुरानी) शिपयार्ड के विकास को बढ़ावा देना है।
  • यह पैकेज चार मुख्य स्तंभों पर आधारित है:
    • क्षमता निर्माण: घरेलू क्षमताओं को मजबूत करना।
    • दीर्घकालिक वित्तपोषण: स्थायी वित्तीय सहायता सुनिश्चित करना।
    • शिपयार्ड विकास: नए और मौजूदा शिपयार्ड का विकास।
    • तकनीकी उन्नति और सुधार: तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाना और कानूनी व नीतिगत सुधार लागू करना।
  • इस पैकेज के तहत, जहाज निर्माण वित्तीय सहायता योजना को 31 मार्च 2036 तक बढ़ाया गया है, जिसके लिए ₹24,736 करोड़ का कोष निर्धारित है।
  • इसमें ₹4,000 करोड़ से अधिक के शिपब्रेकिंग क्रेडिट नोट भी शामिल हैं, जो जहाज तोड़ने के उद्योग को प्रोत्साहित करेंगे।
  • इन सभी पहलों की देखरेख के लिए एक राष्ट्रीय जहाज निर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी।
  • इस पैकेज से जहाज निर्माण क्षेत्र में ₹4.5 लाख करोड़ का नया निवेश आने और 30 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।

👉 रेलवे कर्मचारियों को उत्पादकता-आधारित बोनस 🚂

  • केंद्रीय कैबिनेट ने लगभग 10.91 लाख रेलवे कर्मचारियों के लिए 78 दिनों के उत्पादकता-आधारित बोनस (PLB) को मंजूरी दी है।
  • इस बोनस पर कुल ₹1,865.68 करोड़ का खर्च आएगा।
  • यह बोनस हर साल दुर्गा पूजा और दशहरा के त्योहारों से पहले योग्य कर्मचारियों को दिया जाता है।
  • यह कदम रेलवे कर्मचारियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करने के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में काम करेगा।

👉 वैज्ञानिक अनुसंधान और मानव संसाधन विकास 🔬

  • मंत्रिमंडल ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग / परिषद (DSIR/CSIR) की क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास योजना को मंजूरी दी है।
  • इसके लिए पंद्रहवें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) के लिए ₹2,277 करोड़ से अधिक का कुल परिव्यय निर्धारित किया गया है।
  • यह योजना CSIR द्वारा लागू की जाएगी और इसमें पूरे देश के सभी अनुसंधान और विकास संस्थान, राष्ट्रीय प्रयोगशालाएँ, राष्ट्रीय महत्व के संस्थान और विश्वविद्यालय शामिल होंगे।
  • यह पहल युवा, उत्साही शोधकर्ताओं को विश्वविद्यालयों, उद्योगों, राष्ट्रीय अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं और शैक्षणिक संस्थानों में करियर बनाने के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करेगी।
  • इस योजना का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग, चिकित्सा और गणितीय विज्ञान (STEMM) में विकास को बढ़ावा देना है।

👉 चिकित्सा शिक्षा का विस्तार 🩺

  • कैबिनेट ने केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) के तीसरे चरण के तहत देश में स्नातकोत्तर और स्नातक चिकित्सा शिक्षा क्षमता के बड़े विस्तार को मंजूरी दी है।
  • इस फैसले से 5,000 नए स्नातकोत्तर (PG) सीटें और 5,023 नए एमबीबीएस सीटें जोड़ी जाएंगी।
  • इस विस्तार से देश में डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली मजबूत होगी।
  • इस पर कुल ₹15,034.50 करोड़ खर्च होंगे, जिसमें से केंद्र का हिस्सा ₹10,303.20 करोड़ और राज्यों का हिस्सा ₹4,731.30 करोड़ होगा।

👉 बिहार में बुनियादी ढांचा परियोजनाएँ 🛤️

  • रेलवे लाइन का दोहरीकरण: कैबिनेट ने बिहार में बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया रेलवे लाइन सेक्शन के दोहरीकरण को मंजूरी दी है, जिसकी लागत ₹2,192 करोड़ है।
    • यह परियोजना 104 किलोमीटर तक रेलवे नेटवर्क का विस्तार करेगी।
    • यह राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा और पावापुरी जैसे पर्यटन और तीर्थ स्थलों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
  • सड़क निर्माण: कैबिनेट ने हाइब्रिड एन्युइटी मोड पर साहिबगंज-अरेराज-बेतिया सेक्शन के NH-139W के चार-लेन निर्माण को भी मंजूरी दी है।

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