बिहार सरकार ने ऊर्जा के नवीकरणीय विकल्पों पर काम करना शुरू कर दिया है। अगले साल मार्च तक बिहार सोलर बिजली का 3261.95 मिलियन यूनिट का कोटा पूरा कर लेगा।
केंद्र सरकार की ओर से तय मानक के अनुसार कुल बिजली खपत का 10.50 फीसदी सोलर होना जरूरी है। इस कोटा को पूरा करने के लिए बिहार सरकार बिजली की खरीद करेगी। इसके लिए बिहार रिन्यूअबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा) ने योजना बना ली है।
बाजार से खरीद के अलावा राज्य सरकार अपने उत्पादन से भी सोलर बिजली की कमी को पूरा करेगी। सुपौल और दरभंगा में तैरते हुए बिजली घर (फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट) से दो मेगावाट बिजली की जरूरत पूरी होगी। इससे 2.45 मिलियन यूनिट की कमी पूरी होगी।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 31 हजार मिलियन यूनिट बिजली खपत होने का अनुमान है। इस आधार पर कम से कम 3261.95 मिलियन यूनिट सोलर का होना जरूरी है। लेकिन बिहार में मात्र 204.27 मिलियन यूनिट ही सोलर बिजली उपलब्ध है। इसे देखते हुए ब्रेडा ने अन्य माध्यमों से सोलर बिजली खरीद की योजना बनाई है।