पोषण जागरूकता माह अभियान के पहले सप्ताह में बिहार तीसरे नंबर पर आ गया है। सितम्बर माह के पहले सप्ताह की रैंकिंग में कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे संसाधन सुलभ राज्यों का नाम के बाद बिहार का स्थान आया है जो यह बताता है कि विकास की ओर अग्रसर बिहार को अब किसी मामले में किसी से कम नहीं आँका जा सकता है।
पूरे महीने चलने वाले इस जागरूकता अभियान में गर्भवती महिलाओं की देखरेख पर ध्यान दिया जाना है तथा उनके स्वस्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
प्रधानमंत्री के सुपोषित भारत (कुपोषण मुक्त भारत) के दृष्टिकोण को सामने रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 01 से 30 सितंबर तक चौथा राष्ट्रीय पोषण माह मनाया गया। अभियान के तहत सामुदायिक भागीदारी पर विशेष फोकस रखने की बात कही गई ताकि हर नागरिक पौष्टिक आहार के महत्व को समझें। आहार में विविधता और पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए बाजरा, दालें, बारहमासी और मौसमी स्थानीय सब्जियों, फलों आदि के उपयोग करने के बारे में नागरिकों को जागरूक किया जाएगा। इन गतिविधियों को उत्साहपूर्वक आयोजित करने और राष्ट्रीय पोषण में बड़ी सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए महिला एवं बाल विकास के साथ–साथ अन्य विभाग भी इस कार्यक्त्रम के सहयोगी रहे। इस अभियान में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भोजन के सही तरीके से पकाने व खाने के बारे में जानकारी दी गयी।