पंचायत चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने बड़ी खुशखबरी दी है. राज्य सरकार ने शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए 117 नए निकायों (urban body) का गठन करने का निर्णय लिया था। इन निकायों के संबंध में दावों और आपत्तियों के निस्तारण का कार्य पूरा कर लिया गया है। इनमें से सौ से अधिक निकायों के गठन की अंतिम अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके अलावा नगर पंचायत से परिषद और परिषद से नगर निगम में अपग्रेड किए गए निकायों के लिए भी अधिसूचना जारी कर दी गई है.
बिहार अब तक शहरीकरण के मामले में देश में काफी पीछे था। राज्य में शहरीकरण केवल 11 प्रतिशत था जबकि राष्ट्रीय औसत लगभग 32 प्रतिशत था।
29 दिसंबर 2020 को हुई राज्य कैबिनेट की विशेष बैठक में क्रमश: 111 और छह नए शहरी निकायों को मंजूरी दी थी। इनमें 109 नई नगर पंचायतें और आठ ऐसी नगर परिषद शामिल हैं जिन्हें सीधे ग्राम पंचायत से परिषद बनाया गया था।
इन नवगठित निकायों को लेकर दावा-आपत्तियां मांगी गई थीं। जिलों से इन दावा-आपत्तियों का परीक्षण कर अपनी अनुशंसा सहित नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजा गया था। विभाग द्वारा इन सभी दावा-आपत्तियों के निस्तारण करने के बाद हर निकाय की अलग-अलग अंतिम अधिसूचना जारी की है।
नए निकायों के गठन और सीमाओं के विस्तार के साथ, राज्य की 300 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त हो गया है। जबकि 200 ग्राम पंचायतों का कुछ हिस्सा शहरी निकाय का हिस्सा बन गया है। अब इन इलाकों में नगर निकाय के पार्षद और अध्यक्ष के चुनाव होंगे, पंचायत चुनाव नहीं.