
(Russia’s Historic Initiative in Nuclear Energy)
👉 घोषणा: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की है कि रूस वर्ष 2030 तक विश्व की पहली पुनर्चक्रित ईंधन इस्तेमाल करने वाली परमाणु ऊर्जा प्रणाली शुरू करेगा।
👉 मंच: यह घोषणा उन्होंने मॉस्को में वर्ल्ड एटोमिक वीक फोरम में की।
👉 परियोजना का नाम: इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अक्सर रूस में ‘ब्रेकथ्रू‘ परियोजना के रूप में जाना जाता है, जिसमें तेज न्यूट्रॉन रिएक्टर (Fast Neutron Reactor) तकनीक शामिल है।
👉 मुख्य लाभ (पुनर्चक्रण): यह प्रणाली 95% तक खर्च हो चुके ईंधन का पुन: उपयोग करेगी।
👉 परिणाम: * रेडियोधर्मी कचरे में भारी कमी आएगी। * यूरेनियम की मांग कम होगी।
👉 महत्व: पुतिन ने इसे रूस की सबसे गौरवपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धियों में से एक बताया।
👉 स्थान: यह प्रणाली टॉम्स्क क्षेत्र में बनाई जाएगी।
👉 अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: पुतिन ने उल्यानोवस्क में एक नए अनुसंधान केंद्र में परीक्षण प्रयासों में शामिल होने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया।
👉 तकनीकी स्थिति: पुतिन ने तकनीकी उपनिवेशवाद के प्रति रूस की अस्वीकृति पर ज़ोर दिया और कहा कि मॉस्को उच्च सुरक्षा और अप्रसार मानकों को बनाए रखते हुए देशों को स्वतंत्र परमाणु कार्यक्रम बनाने में मदद करता है।
👉 वैश्विक आह्वान: उन्होंने इसे स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि बताया और दुनिया भर में परमाणु ऊर्जा की पहुँच बढ़ाने के लिए वैश्विक सहयोग और नए वित्तपोषण मॉडल का आग्रह किया।
👉 उपस्थिति: अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी और अन्य वैश्विक नेता इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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