राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2024 (National Geoscience Awards 2024): भूविज्ञान के क्षेत्र में भारत का सम्मान

National Geoscience Awards 2024

👉 पुरस्कार समारोह: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2024 (National Geoscience Awards 2024) प्रदान किए।

👉 पुरस्कार का महत्व: ये पुरस्कार भूविज्ञान (Geoscience)  के क्षेत्र में देश के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक हैं, जो भूवैज्ञानिकों की प्रतिबद्धता, नवाचार और उत्कृष्टता को सम्मानित करते हैं।

👉 खनिजों का योगदान: राष्ट्रपति ने कहा कि खनिजों ने मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और औद्योगीकरण की नींव रखी है (उदाहरण के लिए, कोयला और लोहा)।

👉 भूवैज्ञानिकों की भूमिका: उन्होंने जोर दिया कि भूवैज्ञानिकों का काम सिर्फ खनन तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें भू-पर्यावरणीय स्थिरता पर खनन के प्रभावों पर भी ध्यान देना चाहिए।

👉 प्रौद्योगिकी पर जोर: राष्ट्रपति ने खनिज उत्पादों के मूल्यवर्धन और अपव्यय को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर बल दिया।

👉 आधुनिक तकनीक: उन्होंने बताया कि खान मंत्रालय खनन उद्योग में एआई (AI), मशीन लर्निंग और ड्रोन-आधारित सर्वेक्षणों को बढ़ावा दे रहा है।

👉 आर्थिक और सामाजिक महत्व: खनन आर्थिक विकास के लिए संसाधन और रोजगार के व्यापक अवसर प्रदान करता है।

👉 पर्यावरणीय सुरक्षा: खनन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए सभी नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।

👉 आत्मनिर्भरता: राष्ट्रपति ने विकसित भारत के लक्ष्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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