भारतीय वायुसेना से मिग-21 लड़ाकू विमान की विदाई (The Glorious History of the MiG-21)

(The Glorious History of the MiG-21)

👉 विदाई समारोह का स्थान: चंडीगढ़ एयरबेस।

👉 उपस्थिति: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी।

👉 सेवा काल: मिग-21 ने देश की छह दशकों (1963 से) तक सेवा की।

👉 विदाई का रूप: औपचारिक फ्लाईपास्ट के साथ संचालन संपन्न हुआ।

👉 अंतिम उड़ान: एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ‘बादल 3’ नाम से स्क्वाड्रन की अंतिम उड़ान भरी।

👉 भारतीय वायुसेना में शामिल: 1963 में चीन-भारत युद्ध के बाद शामिल किया गया।

👉 विशिष्ट पहचान: मिग-21 भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था।

👉 युद्धों में भूमिका: इसने 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका निभाई थी।

👉 पहली स्क्वाड्रन: विंग कमांडर दिलबाग सिंह ने 1963 में चंडीगढ़ में पहली मिग-21 स्क्वाड्रन का नेतृत्व किया था, जो बाद में भारतीय वायु सेना के प्रमुख बने।

👉 रक्षा मंत्री का कथन: राजनाथ सिंह ने मिग-21 को “राष्ट्रीय गौरव” बताया और इसकी बहुमुखी प्रतिभा (Versatility) की सराहना की।

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