सीएसआईआर और रूसी संस्थानों के बीच खनिज प्रसंस्करण में सहयोग

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने अपने प्रमुख खनिज अनुसंधान संस्थान, सीएसआईआर-खनिज एवं पदार्थ प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएमएमटी) के माध्यम से, खनिज प्रसंस्करण और सतत संसाधन विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में, सीएसआईआर ने प्रमुख रूसी संस्थानों के साथ मिलकर दो संयुक्त घोषणाओं (जेडीआई) पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें शामिल हैं: दुर्लभ धातु उद्योग के राज्य अनुसंधान और डिजाइन संस्थान (जेएससी गिरेडमेट), रूसी राज्य परमाणु ऊर्जा निगम, रोसाटॉम, और राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एमआईएसआईएस, मॉस्को (एनयूएसटी एमआईएसआईएस)।

यह सहयोग खनिज संसाधनों के सतत विकास और प्रसंस्करण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए स्थापित किया गया है। इन संस्थानों के बीच साझेदारी से न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि खनिज संसाधनों के कुशल उपयोग और प्रबंधन में भी सुधार होगा। यह पहल भारत और रूस के बीच वैज्ञानिक और औद्योगिक सहयोग को और मजबूत करेगी, जिससे दोनों देशों के लिए आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ प्राप्त होंगे।

सीएसआईआर का यह कदम वैश्विक स्तर पर खनिज संसाधनों के प्रबंधन में एक नई दिशा प्रदान करेगा। यह न केवल अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि खनिज प्रसंस्करण की तकनीकों में भी सुधार लाएगा। इस प्रकार, यह सहयोग न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह औद्योगिक विकास और सतत संसाधन प्रबंधन के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा।

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