देश के पहले स्वदेशी प्रशिक्षण विमान ‘Hansa New Generation (NG) ’ ने अपना समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। यह वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं (CSIR-NAL) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया विमान है। इसने अपनी पहली सफल उड़ान दिनांक 03 सितंबर, 2021 को भरी थी।
दो सीटों वाला यह विमान HANSA का नया संस्करण है। इस श्रृंखला का पहला विमान 30 साल पहले विकसित किया गया था।
यह रोटैक्स डिजिटल कंट्रोल इंजन द्वारा संचालित एक उन्नत प्रशिक्षण विमान है।
यह कम्पोजिट लाइटवेट एयरफ्रेम, ग्लास कॉकपिट, बबल कैनोपी और विद्युत रूप से संचालित फ्लैप जैसी तमाम सुविधाओं से लैस है।
कम लागत में तैयार यह विमान ईंधन की खपत कम करता है।
यह वाणिज्यिक पायलट लाइसेंसिंग (CPL) उद्देश्यों को पूरा करने के साथ यह भारतीय फ्लाइंग क्लबों की जरूरतों को पूरा करता है।