
भारत और डेनमार्क ने हाल ही में अपने ऊर्जा सहयोग (energy cooperation) को बढ़ाने के लिए एक नए समझौता ज्ञापन ( new memorandum of understanding) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। MoU का प्राथमिक उद्देश्य स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा समाधानों पर विशेष ध्यान देने के साथ ज्ञान के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना और दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है।
बिजली, आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने इस बात पर जोर दिया कि यह नवीनीकृत ऊर्जा सहयोग सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत और डेनमार्क की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अद्यतन समझौता सीमा पार बिजली व्यापार, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग बुनियादी ढांचे के विकास और परिवर्तनीय नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के एकीकरण जैसे क्षेत्रों को शामिल करने के लिए साझेदारी के दायरे का विस्तार करता है।
कुल मिलाकर, भारत और डेनमार्क के बीच यह नवीनीकृत समझौता ज्ञापन दोनों देशों के लिए अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा परिदृश्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।