
भारत ने हाल ही में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। राजस्थान के फलोदी में खीचन और उदयपुर में मेनार को रामसर स्थलों(Ramsar sites) की प्रतिष्ठित सूची में शामिल किया गया है, जिससे भारत में अब कुल 91 रामसर स्थल (Ramsar site) हो गए हैं। यह उपलब्धि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है और आगामी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
🔹 भारत में हाल ही में जोड़े गए रामसर स्थल (Ramsar sites)
2 फरवरी – विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetlands Day) से पूर्व भारत में 4 नई आर्द्रभूमियों (New Wetlands) को रामसर कन्वेंशन के तहत मान्यता दी गई।
इनमें शामिल हैं:
राज्य | रामसर स्थल (Ramsar sites) |
---|---|
तमिलनाडु | सक्करकोट्टई पक्षी अभयारण्य, थर्थंगल पक्षी अभयारण्य |
सिक्किम | खेचोपलरी झील |
झारखंड | उधवा झील पक्षी अभयारण्य |
📌 नोट: सिक्किम और झारखंड को अपने पहले रामसर स्थल मिले हैं।
🔹 भारत में रामसर स्थलों (Ramsar sites) की स्थिति
भारत में अब कुल 91 रामसर स्थल हैं।
तमिलनाडु – 20 स्थलों के साथ पहले स्थान पर।
उत्तर प्रदेश – 10 स्थलों के साथ दूसरे स्थान पर।
वैश्विक स्तर पर भारत तीसरे स्थान पर है – यूनाइटेड किंगडम(UK) (176) और मैक्सिको (144) के बाद।
पिछले तीन वर्षों में 47 स्थल जोड़े गए हैं।
🔹 रामसर स्थल (Ramsar sites) बनने के लिए मानदंड
दुर्लभ या अद्वितीय प्राकृतिक वेटलैंड का प्रतिनिधित्व करता हो।
लुप्तप्राय प्रजातियों या संकटग्रस्त पारिस्थितिक समुदायों को आश्रय देता हो।
जैव विविधता को बनाए रखने में सहायक हो।
विपरीत मौसम में शरणस्थली प्रदान करता हो।
नियमित रूप से 20,000+ जलपक्षियों को आश्रय देता हो।
एकल जलपक्षी प्रजाति की 1% आबादी को समर्थन देता हो।
मछलियों के लिए स्पॉनिंग ग्राउंड(Spawning grounds), नर्सरी या प्रवास पथ प्रदान करता हो।
गैर-पक्षी वेटलैंड-निर्भर प्रजातियों की 1% आबादी को आश्रय देता हो।
🔹 प्रमुख नए रामसर स्थल(Ramsar sites) – विवरण
1. खेचोपलरी झील (सिक्किम):
पश्चिम सिक्किम में स्थित यह झील हिंदू और बौद्ध दोनों के लिए पवित्र है।
“पद्मसंभव का स्वर्ग” मानी जाती है।
2. उधवा झील पक्षी अभयारण्य (झारखंड):
साहिबगंज जिले में स्थित।
गंगा नदी के बाढ़ क्षेत्र में, दो झीलें – पटौदा और बरहेल – शामिल हैं।
एक महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (IBA) है।
3. सक्करकोट्टई पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु):
रामनाथपुरम जिले में स्थित सिंचाई टैंक।
मध्य एशियाई फ्लाईवे पर स्थित, अनेक प्रवासी पक्षियों का चारागाह।
4. थर्थंगल पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु):
रामनाथपुरम में स्थित।
जलपक्षियों के लिए प्रजनन और भोजन स्थल।
5. खीचन वेटलैंड (राजस्थान):
प्रवासी पक्षी डेमोइसल क्रेन के लिए विश्वविख्यात स्थल।
6. मेनार वेटलैंड (राजस्थान):
जलपक्षियों के विविध प्रजातियों का घर, स्थानीय संरक्षण प्रयासों के लिए प्रसिद्ध।
🔹 वेटलैंड्स (Wetlands) क्या हैं?
रामसर कन्वेंशन (Ramsar Convention) के अनुसार वेटलैंड्स (Wetlands) का अर्थ:
प्राकृतिक या कृत्रिम, स्थायी या अस्थायी जल से युक्त क्षेत्र।
दलदली, कीचड़युक्त, पीटलैंड या समुद्री क्षेत्र, जहाँ कम ज्वार पर गहराई 6 मीटर से कम होती है।
यह स्थलीय और जलीय पारिस्थितिक तंत्रों के बीच संक्रमण क्षेत्र होते हैं।
🔹 वेटलैंड्स (Wetlands) का महत्व
जल संरक्षण (Water conservation) : भूजल रिचार्ज में मदद।
बाढ़ नियंत्रण (Flood control) : जल सोखने वाले स्पंज की तरह कार्य करते हैं।
प्राकृतिक फिल्टर (Natural filters) : प्रदूषकों को शुद्ध करते हैं।
प्रवासी पक्षियों का आवास (Habitat of migratory birds) : भोजन, विश्राम और प्रजनन के लिए उपयुक्त।
जैव विविधता हॉटस्पॉट (Biodiversity hotspots) : कई दुर्लभ प्रजातियों का प्राकृतिक आवास।
उदाहरण:
केबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान (मणिपुर) – तैरता हुआ पार्क, लुप्तप्राय सांगई हिरण का एकमात्र आवास।
🔹 The Ramsar Convention
विशेषता | विवरण |
---|---|
संधि का नाम | रामसर कन्वेंशन |
उद्देश्य | वेटलैंड्स (Wetlands) का संरक्षण और सतत उपयोग |
स्थान | रामसर, ईरान |
हस्ताक्षर तिथि | 2 फरवरी 1971 |
लागू तिथि | 1975 |
वार्षिक दिवस | 2 फरवरी – विश्व आर्द्रभूमि दिवस |
तीन स्तंभ:
वेटलैंड्स का समझदारी से उपयोग।
अंतरराष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड्स को नामित करना।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग सुनिश्चित करना।
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