
तेलंगाना सरकार ने वन्यजीव संरक्षण और आवास संपर्क को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कवल-ताडोबा बाघ गलियारे को कुमराम भीम संरक्षण रिजर्व (Kumram Bheem Conservation Reserve) के रूप में अधिसूचित किया है। यह नव घोषित रिजर्व 1,493 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और 30 मई 2025 को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत इसकी अधिसूचना जारी की गई। यह रिजर्व कवल टाइगर रिजर्व (तेलंगाना) और ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व (महाराष्ट्र) को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण बाघ गलियारा है।
कुमराम भीम संरक्षण रिजर्व (Kumram Bheem Conservation Reserve) का मुख्य उद्देश्य तेलंगाना, महाराष्ट्र, और छत्तीसगढ़ के टाइगर रिजर्व्स के बीच बाघों की आवाजाही और संपर्क को बढ़ाना है। यह रिजर्व भारत की बड़ी बिल्लियों की आबादी और मध्य भारतीय परिदृश्य में जैव विविधता की रक्षा के प्रयासों को मजबूत करता है। यह कदम बाघ संरक्षण, वन्यजीव आवास संरक्षण, और पर्यावरण संतुलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- कुमराम भीम संरक्षण रिजर्व(Kumram Bheem Conservation Reserve) : 1,493 वर्ग किमी क्षेत्र, 30 मई 2025 को अधिसूचित।
- स्थान: कवल टाइगर रिजर्व (तेलंगाना) और ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व (महाराष्ट्र) के बीच।
- उद्देश्य: बाघ संपर्क बढ़ाना, तेलंगाना, महाराष्ट्र, और छत्तीसगढ़ रिजर्व्स को जोड़ना।
- कानून: वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत स्थापना।
- महत्व: बाघ संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण, और आवास संपर्क में वृद्धि।
OUR APP – DOWNLOAD NOW