इसरो ने स्पैडेक्स मिशन के तहत उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग सफलतापूर्वक पूरी की

परिचय: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग – स्पाडेक्स मिशन के तहत उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि आज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई।

मिशन का विवरण:

  • स्पाडेक्स मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में उपग्रहों के डॉकिंग की तकनीक को विकसित करना है, जो भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • इस मिशन के तहत, पीएसएलवी-सी60 को पिछले वर्ष 30 दिसंबर को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था, जो इस प्रयोग की पहली कड़ी थी।

डॉकिंग की प्रमुख घटनाएँ:

  • उपग्रहों का पहला सफल डॉकिंग 16 जनवरी 2023 को सुबह 06:20 बजे हुआ। यह ISRO के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, क्योंकि यह पहली बार था जब उपग्रहों को सफलतापूर्वक डॉक किया गया।
  • इसके बाद, उपग्रहों को 13 फरवरी 2023 को सुबह 09:20 बजे सफलतापूर्वक अनडॉक किया गया, जिससे यह साबित हुआ कि ISRO ने अंतरिक्ष में जटिल संचालन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।

भविष्य की योजनाएँ:

  • डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि अगले दो सप्ताह में और प्रयोग करने की योजना है, जो उपग्रह डॉकिंग तकनीक को और विकसित करने में मदद करेगा।
  • ये प्रयोग न केवल डॉकिंग तकनीकों को परिष्कृत करेंगे, बल्कि भविष्य के मिशनों के लिए नई संभावनाओं का भी पता लगाएंगे, जैसे कि उपग्रहों की मरम्मत और कक्षा में असेंबली।

महत्व:

  • स्पाडेक्स मिशन भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उपग्रहों के प्रबंधन और संचालन में नई क्षमताओं को विकसित करने में सहायक होगा।
  • यह मिशन न केवल ISRO की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करता है, बल्कि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।

निष्कर्ष: ISRO का स्पाडेक्स मिशन उपग्रहों की डॉकिंग और अनडॉकिंग की तकनीक में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। जैसे-जैसे संगठन आगे बढ़ता है, यह भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए नई संभावनाओं को खोलता है और भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण में भूमिका को और मजबूत करता है।

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