बिहार कृषि विद्यालयमें बनेगी एनएबीएल लैब, मिलेगा अंतरराष्ट्रीय निर्यात को सर्टिफिकेट

भागलपुर सहित राज्य के अन्य जिलों के कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए जरूरी सर्टिफिकेट अब बीएयू में ही मिल सकेगा। कृषि उत्पादों की जांच के लिए बीएयू में एनएबीएल लैब तैयार की जा रही है। लैब के तैयार होने पर कृषि खाद्य उत्पादों की जांच के लिए सैंपल दूसरे राज्यों में नहीं भेजना होगा।

एनएबीएल (नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिबरेशन लेबोरेट्रीज) :
कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए एनएबीएल ‘नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिबरेशन लेबोरेट्रीज’ से जांच कराकर प्रमाण पत्र लेना होता है। इसमें यह दर्ज होता है कि उक्त उत्पाद में केमिकल व कीटनाशक की मात्रा कितनी है। इसके अलावा विटामिन, प्रोटीन आदि की मात्रा कितनी है।
एनएबीएल का सर्टिफिकेट यह बताता है कि किसी कृषि उत्पाद के निर्यात करने के लिए उस देश द्वारा तय मानकों से ज्यादा केमिकल या कीटनाशक तो नहीं है। सर्टिफिकेट में कई अन्य जानकारियां भी होती हैं।
वर्तमान में बिहार से सबसे नजदीक में यह लैब कोलकाता में स्थित है।
पटना में भी इस तरह की लैब तैयार की जा रही है। निर्यात के लिए इस तरह की लैब की आवश्यकता है। लैब बन जाने से किसानों को निर्यात करने में काफी सुविधा होगी। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा और बिहार के उत्पादों को नई पहचान मिलेगी।

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