
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें भारत के एकीकरण में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए ‘भारत का लौह पुरुष’ कहा जाता है।
प्रमुख बिंदु:
आरंभ: भारत सरकार द्वारा इसे पहली बार वर्ष 2014 में मनाया गया था।
स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में 560 से अधिक रियासतों को भारतीय संघ में एकीकृत करने में निर्णायक भूमिका निभाई।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: गुजरात के केवड़िया में स्थित 182 मीटर ऊंची उनकी प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा) राष्ट्रीय एकता और गर्व का प्रतीक है। इसका उद्घाटन 31 अक्टूबर, 2018 को किया गया था।
‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पहल: यह दिवस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2015 में आरंभ किए गए ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने का भी एक महत्त्वपूर्ण माध्यम है, जिसका उद्देश्य विभिन्न राज्यों के लोगों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और परस्पर जुड़ाव को सशक्त करना है।
वर्ष 2025 में राष्ट्रीय एकता दिवस (Rashtriya Ekta Diwas) विशेष रूप से चर्चा में रहा क्योंकि यह ‘भारत के लौह पुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर गुजरात के एकता नगर (केवड़िया) में भव्य राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इसके अतिरिक्त, 1 से 15 नवंबर तक एकता नगर में ‘भारत पर्व 2025’ मनाया जाएगा, जिसमें विभिन्न राज्यों के खान-पान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी।
‘रन फॉर यूनिटी’: सरदार पटेल के सपनों के ‘एक भारत’ का सम्मान करने और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देने के लिए देश भर के सभी जिलों में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया गया, जिसमें लाखों नागरिकों, छात्रों और सुरक्षा कर्मियों ने भाग लिया।
केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय के “माई भारत” मंच के माध्यम से “सरदार@150 यूनिटी मार्च” और अन्य डिजिटल कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनका उद्देश्य युवाओं में देशभक्ति और एकता की भावना को बढ़ावा देना था।
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