
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की बहु-आयामी विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पण किया। यह यात्रा जम्मू-कश्मीर के सामाजिक, भौतिक और आर्थिक विकास को एक नई गति देने वाली साबित हुई।
प्रधानमंत्री ने विश्व के सबसे ऊँचे रेलवे आर्च पुल चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge) का उद्घाटन किया, जिसकी ऊँचाई एफिल टावर से भी अधिक है। साथ ही भारत के पहले केबल-स्टे रेल ब्रिज अंजी खड्ड पुल का उद्घाटन भी किया गया। उन्होंने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया, जिसकी लागत लगभग 44,000 करोड़ रुपये रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चिनाब और अंजी पुल जम्मू-कश्मीर के लिए समृद्धि के द्वार बनेंगे और अब कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत रेलवे नेटवर्क से जुड़ चुका है। चिनाब पुल (Chenab Bridge) अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी उभर रहा है।
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा कि भारत आतंकवाद के सामने नहीं झुकेगा। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा निर्दोष नागरिकों पर किए गए हमलों की निंदा करते हुए कहा कि अब सीमा क्षेत्र में गोलाबारी से प्रभावित परिवारों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता दी जाएगी। गंभीर क्षति वाले परिवारों को 2 लाख रुपये तथा आंशिक क्षति वाले परिवारों को 1 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं से आत्मनिर्भर भारत अभियान में भाग लेने की अपील की और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उदाहरण देते हुए भारत की रक्षा शक्ति को विश्व में पहचान मिलने की बात कही।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं और अब नव-मध्य वर्ग में प्रवेश कर चुके हैं। सरकार गरीबों और उभरते मध्यवर्ग के सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रही है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर और श्रीनगर से कटरा के लिए दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई। उन्होंने छात्रों से मुलाकात भी की, जिसमें कक्षा 10वीं की छात्रा विनी कौल ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में विकास के ज़रिए परिवर्तन लाया है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने 350 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ‘श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस’ की आधारशिला रखी, जो रियासी ज़िले का पहला मेडिकल कॉलेज होगा। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को मज़बूत करने वाले कई सड़क परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी।
यह दौरा जम्मू-कश्मीर के लिए एक नई आशा, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का संदेश लेकर आया।
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