
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee – MPC) ने 6 जून, 2025 को अपनी बैठक में नीतिगत रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती कर इसे 5.5 प्रतिशत कर दिया है। यह लगातार तीसरी बार है जब रेपो दर में कमी की गई है।
प्रमुख बिंदु:
अन्य दरों में भी संशोधन:
स्टैंडिंग डिपॉज़िट सुविधा (SDF) की दर अब 5.25% होगी।
मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट को 5.75% पर समायोजित किया गया है।
लोन और ईएमआई में राहत की संभावना:
रेपो दर में कटौती के बाद बाहरी बेंचमार्क उधार दरें (EBLR) भी घटेंगी, जिससे बैंकों द्वारा दी जाने वाली ऋण दरों में कमी की संभावना है। इससे उपभोक्ताओं को सस्ते ऋण मिल सकते हैं और ईएमआई का बोझ कम हो सकता है।मुद्रास्फीति और विकास लक्ष्य:
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि यह निर्णय मध्यम अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति को 4% (±2%) के लक्ष्य बैंड में बनाए रखने और आर्थिक विकास को समर्थन देने के उद्देश्य से लिया गया है।FY26 के लिए पूर्वानुमान:
मुद्रास्फीति अनुमान को घटाकर 3.7% कर दिया गया है (पहले यह 4% था)।
वर्तमान वित्त वर्ष (FY25) के लिए GDP वृद्धि अनुमान को 6.5% पर यथावत रखा गया है।
हालांकि, भूराजनीतिक तनाव और मौसम संबंधित अनिश्चितताएं प्रमुख चुनौतियों के रूप में चिन्हित की गई हैं।
अगली बैठक:
मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 4 से 6 अगस्त 2025 के बीच प्रस्तावित है।
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